कोण्डागांव-जिले में लोगों के स्वास्थ्य एवं सुपोषण हेतु जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। ऐसे में बिना पर्याप्त ज्ञान एवं डिग्री के कुछ लोगों द्वारा वनांचल के ग्रामों में भोले-भाले ग्रामीणों को उपचारित करने के नाम पर उनसे छल किया जाता है। जिससे समय-समय पर लोगों को इन डॉक्टरों द्वारा गलत दवाईयां दिये जाने से गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ता है। जिसे देखते हुए प्रशासन द्वारा सभी ऐसे बिना डिग्रीधारी झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है।
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इसके तहत् सोमवार को कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के आदेशानुसार एसडीएम गौतमचंद पाटिल के नेतृत्व में गठित जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग के संयुक्त जाँच दल ने विकासखण्ड कोण्डागांव के ग्राम नवागांव, मर्दापाल के कथित झोलाछाप डॉक्टर के यहां अचानक दबिश दी। जांच के दौरान कथित झोलाछाप डॉक्टर बलराम नाग के निवास में जांच करने पर बड़ी संख्या में दवाइयां भंडारित होने के साथ उसके निवास पर मरीजों का ईलाज करते भी पाया गया। जिस पर टीम ने दवाइयों एवं दस्तावेजों को जप्त कर कथित झोलाछाप डॉक्टर के विरुद्ध नर्सिंग होम एक्ट के तहत् प्रकरण तैयार किया है।
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ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के दौर में सभी अस्वस्थ लोगो को कोविड-19 जांच उपरांत ही चिकित्सक की सलाह से दवाइयां लेने के निर्देश शासन प्रशासन द्वारा जारी किये गए थे एवं लगातार जागरुकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। किंतु कुछ लोगों द्वारा आपदा को अवसर समझ ग्रामीणों को बहकाने का कार्य किया जा रहा है। इसे रोकने के लिये स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग की संयुक्त दल गठित कार्यवाही की गईं।
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जांच दल में जिला खाद्य एवं औषधि अधिकारी डोमेंद्र ध्रुव, औषधि निरीक्षक सुखचौन धुर्वे, नायब तहसीलदार विरेन्द्र श्याम, डॉ सूरज राठौर, सहित अन्य कर्मचारी शामिल रहे।