महासमुंद-प्रभारी मंत्री एवं जिला आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने जीवन दीप समिति की बैठक ली। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में संचालित सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कोविड-19 वैश्विक महामारी के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जहां चिकित्सक और स्टाॅफ की कमी है, उसका प्रस्ताव कलेक्टर के माध्यम से भेजा जाए ताकि इस पर जरूरी कार्यवाही कर स्टाॅफ की भर्ती की जा सके।
अस्पताल मानव जीवन से जुड़ा होता है। मरीज यहां अपने बेहतर ईलाज के लिए आता है। उसे अच्छे से अच्छा उपचार मिलें यह चिकित्सकों की ड्यूटी और कर्तव्य भी है। मंत्री ने कहा कि जिन स्वास्थ्य केन्द्रों में एक्स-रे मशीन खराब है, उन्हे तत्काल दुरूस्त कराए जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी जरूरी दवाईयाॅ और उपचार उपकरण हो यह सुनिश्चित किया जाए।
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उन्होंने कहा कि जिले के सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। वहीं यह भी सुनिश्चित किया जाए चिकित्सक और स्टाॅफ समय पर उपस्थित हो। बैठक में कलेक्टर ने बताया कि एनेस्थीसियोलाॅजिस्ट न होने के कारण मरीजों की जरूरी सर्जरी अस्पताल में नहीं हो पाती। इसके लिए खनिज न्यास निधि से राशि उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके साथ ही अन्य जरूरी स्टाॅफ के लिए भी राशि मुहैया कराई जा सकती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जिला चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधाएं, कोविड-19, डेडीकेटेड कोविड हाॅस्पिटल की वर्तमान की स्थिति और उपलब्ध मानव संसाधन की जानकारी दी। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2020-21 की आय-व्यय की जानकारी से अवगत कराया।
बैठक में जिले के विधायक विनोद चंद्राकर, देवेंद्र बहादुर सिंह और किस्मत लाल नंद, जिला पंचायत की अध्यक्ष ऊषा पटेल और जिला प्रभारी मंत्री से नामांकित सदस्य, वनमण्डलाधिकारी पंकज राजपूत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.के. मण्डपे, डीपीएम रोहित सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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