दिल्ली-जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) गुरुग्राम जोनल यूनिट (जीजेडयू), हरियाणा ने नई दिल्ली निवासी रविंदर कुमार (उर्फ रविंदर) को इनपुट टैक्स क्रेडिट जालसाजी के मामले में गिरफ्तार किया है। उस पर जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनियां बनाने और चलाने का आरोप है। इन कंपनियों का उपयोग बिना वास्तविक रसीद के और वस्तु और सेवा की सप्लाई के बगैर इनपुट टैक्स क्रेडिट पर लाभ उठाने में किया गया।
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अब तक की जांच से यह स्पष्ट है कि रविंदर कुमार ने हरियाणा, नई दिल्ली और झारखंड में अनेक स्वामित्व वाली, साझेदारी वाली और प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को सिर्फ कागज पर बना रखा था। रविंदर जांच से बचता रहा और अनेक अवसर पर समन जारी किए जाने के बावजूद जांच अधिकारियों के सामने हाजिर नहीं हुआ।
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रविंदर फरार था और अपनी जगह बदलता रहा। अधिकारियों ने उसकी जगह बदलने पर नजर रखी और सक्रिय चौकसी के कारण उसे पकड़ने में सफल रहे। उसने दो प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां, एक पार्टनरशिप फर्म और अनेक स्वामित्व की फर्में बनाने की बात कबूल की है। इन कंपनियों ने बिना सामान के 237.98 करोड़ रुपए का फर्जी बिल बनाया और फर्जी आईटीसी पर 43 करोड़ रुपए से अधिक की राशि की हेराफेरी की।
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दिल्ली और हरियाणा के कई स्थानों पर जांच की गई और दस्तावेजी साक्ष्य तथा दर्ज किए गए बयान से यह साबित हुआ कि रविंदर कुमार जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनियों का रैकेट चलाने वाला प्रमुख व्यक्ति है। जालसाजी रविंदर कुमार को 9 मार्च, 2021 को गिरफ्तार किया गया और नई दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। मामले में आगे की जांच जारी है।
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