Home छत्तीसगढ़ ग्रामीण इलाकों में बढ़ते पलायन की समस्या को लेकर विनोद ने सरकार...

ग्रामीण इलाकों में बढ़ते पलायन की समस्या को लेकर विनोद ने सरकार पर साधा निशाना

मोदी सरकार की गारंटी और विष्णुदेव साय के सुशासन के दावों के बावजूद छत्तीसगढ़ आज पलायन गढ़ बन चुका है।

ग्रामीण इलाकों में पलायन की समस्या पर विनोद ने सरकार पर साधा निशाना
Vinod Chandrakar-1

महासमुंद। प्रदेश सहित महासमुंद जिले के ग्रामीण इलाकों में बढ़ते पलायन की समस्या को लेकर पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की गारंटी और विष्णुदेव साय के सुशासन के दावों के बावजूद छत्तीसगढ़ आज पलायन गढ़ बन चुका है।


उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोयला और लौह अयस्क जैसे समृद्ध खनिज संसाधन होने के बावजूद जनता को अपने घर-परिवार छोड़कर रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ रहा है। इसका प्रमुख कारण मनरेगा और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जानबूझकर बंद करना है।

मनरेगा का कार्य ठप

श्री चंद्राकर ने कहा कि वर्तमान में राज्य के 70 प्रतिशत से अधिक गांवों में मनरेगा का कार्य पूरी तरह ठप पड़ा है। पिछले 11 वर्षों में केंद्र सरकार ने इस योजना के बजट में हर साल 30 से 35 प्रतिशत तक कटौती की है, जिससे ग्रामीण मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की रणनीति मनरेगा जैसी जनहितकारी योजना को धीरे-धीरे समाप्त करने की है, जिससे गांवों में बेरोजगारी और पलायन की समस्या विकराल होती जा रही है।

पूर्व विधायक ने कहा कि यूपीए सरकार ने मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणों को 100 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी दी थी, जिसके तहत सड़कों, तालाबों, कुओं के निर्माण और जल संरक्षण जैसे कार्य होते थे। लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने इस योजना को उपेक्षित कर दिया है। अब ग्रामीणों को न तो काम मिल रहा है, न ही मजदूरी का भुगतान समय पर हो पा रहा है।

ग्रामीण इलाकों में पलायन की समस्या पर विनोद ने सरकार पर साधा निशाना

उन्होंने बताया कि प्रदेश में महासमुंद और जांजगीर-चांपा जिले से सबसे अधिक मजदूरों का पलायन हो रहा है। हाल ही में पिथौरा क्षेत्र के किसानपुर गांव में मजदूर दलालों द्वारा एक युवक की संदिग्ध मृत्यु की घटना ने इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया है। श्री चंद्राकर ने कहा कि सरकार स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने में पूरी तरह असफल रही है, जबकि बड़े उद्योगपतियों और व्यापारिक वर्गों को लाभ पहुंचाने की दिशा में सक्रिय है।

उन्होंने दावा किया कि केवल महासमुंद और जांजगीर-चांपा से अब तक लगभग 30 हजार मजदूर अन्य राज्यों में पलायन कर चुके हैं, जबकि सरकार और प्रशासन के पास इसका कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। श्री चंद्राकर ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा मजदूरों, किसानों और युवाओं के साथ किए गए छल का जवाब प्रदेश की जनता आगामी समय में जरूर देगी।

हमसे  जुड़े :-

आपके लिए /छत्तीसगढ़