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बोर खनन अनुमति प्रमाण पत्र के लिए किसानों को किया जा रहा परेशान : विनोद चंद्राकर

अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए किसानों से की जा रही है रूपए की मांग

बोर खनन अनुमति प्रमाण पत्र के लिए किसानों को किया जा रहा परेशान : विनोद
Vinod Chandrakar-1

महासमुंद। बोर खनन अनुमति प्रमाण पत्र के लिए किसानों को परेशान किया जा रहा है व अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए किसानों से रूपए की मांग की जा रही है वही जिला प्रशासन एवं विद्युत विभाग द्वारा बिजली कटौती एवं लो वोल्टेज कर किसानों को लगातार परेशान किया जा रहा है। उक्त बाते पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने जारी विज्ञप्ती मे कहा है

पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने आगे कहा कि शासन -प्रशासन द्वारा किसानों को रबी फसल से वंचित करने, हतोत्साहित करने तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है। पहले बोर खनन पर प्रतिबंध लगाने जिले को जलाभाव क्षेत्र घोषित कर दिया गया। वहीं, किसानों को बोर खनन से वंचित करने अनुमति लेने की अनिवार्यता कर दिया गया। एसडीएम से अनुमति लेने से पूर्व किसानों से पीएचई तथा पटवारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र मंगाया जा रहा है, जो उन्हें नहीं दिया जा रहा।

पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि रबी सीजन में धान फसल लेने से कृषकों को जिला प्रशासन द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से हतोत्साहित किया जा रहा है। जिला महासमुन्द की भौगोलिक स्थिति एवं जलवायु धान फसल के लिये उपयुक्त है। लेकिन, जिला प्रशासन एवं विद्युत विभाग द्वारा बिजली कटौती एवं लो वोल्टेज कर किसानों को लगातार परेशान किया जा रहा है। किसान की फसल बिजली कटौती के कारण सूख रही है, फलस्वरूप किसान आत्महत्या करने मजबूर हैं।

बोर खनन अनुमति प्रमाण पत्र के लिए किसानों को किया जा रहा परेशान : विनोद चंद्राकर

ग्राम सिंघनपुर के कृषक द्वारा आत्महत्या की घटना बिजली कटौती का परिणाम है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार पूरे प्रदेश सहित महासमुंद जिले में भी किसानों के खिलाफ सुनियाेजित षड़यंत्र प्रशासन के साथ मिलकर रच रही है। ताकि, उन्हें रबी सीजन में धान फसल लेने से वंचित किया जा सके। किसानों को परेशान करने की नियत से जिला प्रशासन द्वारा सिंचाई हेतु बोर खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है। जो भ्रष्टाचार का एक जरिया बन गया है, कृषक दोहरी मार झेल रहे हैं।

पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि पूर्व में भी बोर खनन पर प्रतिबंध लगाने का विरोध हमारे द्वारा किया गया था। एक तो कृषक बिजली कटौती से परेशान, दूसरी ओर नवीन बोर खनन हेतु अनुविभागीय दण्डाधिकारी न्यायालय से अनुमति लेने के पूर्व पटवारी एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिये किसानों को चक्कर लगाना पड़ रहा है। वहीं, विभागीय कर्मियों को भेंट देने पर अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।

अनेक किसानों ने इस बात की शिकायत उनसे की है। रूपए नहीं देने पर अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा। इस तरह किसानों को परेशान कर भ्रष्टाचार करने का नया तरीका अधिकारियों द्वारा इजात किया गया है। इसी तरह के हालात पूरे जिले में व्याप्त है, जिससे किसानों को अत्यधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन सब बातों को लेकर किसानों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। श्री चंद्राकर ने कहा कि जिला प्रशासन एवं विद्युत विभाग द्वारा तत्काल बिजली कटौती, लो वोल्टेज की समस्या का समाधान कर किसानों को नि:शर्त बोर खनन की अनुमति प्रदान किया जाना चाहिए।

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