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भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए बन रहा है इस समय पंचग्रही योग

अभिजीत,विजय मुहूर्त में पूजन से मनोकामना होगी पूरी Abhijeet, wish will be fulfilled by worshiping in Vijay Muhurta

भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए बन रहा है इस समय पंचग्रही योग

महासमुंद। महाशिवरात्रि पर इस बार पंचग्रही योग में भगवान शिव की पूजा-अर्चना होगी। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर अनंत फल देने वाला योग बन रहा है ।मान्यता है कि इस शुभ संयोग में भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। पर्व को लेकर पिछले सप्ताह भर से शिवालयों में विशेष तैयारियां की जा रही है।

शहर के कोडरेश्वर महादेव, कनेश्वर महादेव कनेकेरा,बम्हणेश्वर महादेव बम्हनी , गंधेश्वर महादेव सिरपुर सहित अनेक शिवालयों में शिवरात्रि के आयोजन को लेकर तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी है। इस दौरान मंदिरों में भोग व भंडारा का भी आयोजन रखा गया है।

शुभ मुहूर्त में पूजन विशेष फलदाई

इस बार प्रातः 11:45 से दोपहर 12:34 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा फिर दोपहर 2:07 से 2:53 तक विजय मुहूर्त तथा 5:48 से 6:12 तक शुभ मुहूर्त होगा पूजन के लिए अभिजीत मुहूर्त और विजय मुहूर्त को वेदों में श्रेष्ठ माना गया है।

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भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए बन रहा है इस समय पंचग्रही योग

करें स्वस्ति-पाठ

स्वस्ति-पाठ – स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा:, स्वस्ति ना पूषा विश्ववेदा:, स्वस्ति न स्तारक्ष्यो अरिष्टनेमि स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु।

इसके बाद पूजन का संकल्प कर भगवान गणेश एवं गौरी-माता पार्वती का स्मरण कर पूजन करना चाहिए। यदि आप रूद्राभिषेक, लघुरूद्र, महारूद्र आदि विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं, तब नवग्रह, कलश, षोडश-मात्रका की भी पूजन करनी चाहिए।

संकल्प करते हुए भगवान गणेश व माता पार्वती का पूजन करें। फिर, नन्दीश्वर, वीरभद्र, कार्तिकेय (स्त्रियां कार्तिकेय का पूजन नहीं करें) एवं सर्प का संक्षिप्त पूजन करना चाहिए। इसके पश्चात हाथ में बिल्वपत्र एवं अक्षत लेकर भगवान शिव का ध्यान करें।

भगवान शिव का ध्यान करने के बाद आसन, आचमन, स्नान, दही-स्नान, घी-स्नान, शहद-स्नान व शक्कर
भगवान शिव का ध्यान करने के बाद आसन, आचमन, स्नान, दही-स्नान, घी-स्नान, शहद-स्नान व शक्कर-स्नान कराएं। इसके बाद भगवान का एक साथ पंचामृत स्नान कराएं। फिर सुगंध-स्नान कराएं फिर शुद्ध स्नान कराएं।

अब भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं। वस्त्र के बाद जनेऊ चढाएं। फिर सुगंध, इत्र, अक्षत, पुष्पमाला, बिल्वपत्र चढाएं। अब भगवान शिव को विविध प्रकार के फल चढ़ाएं। इसके पश्चात धूप-दीप जलाएं। हाथ धोकर भोलेनाथ को नैवेद्य लगाएं।नैवेद्य के बाद फल, पान-नारियल, दक्षिणा चढ़ाकर शिव-आरती करें। इसके बाद क्षमा-याचना करें।

क्षमा मंत्र :

आह्वानं ना जानामि, ना जानामि तवार्चनम, पूजाश्चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वर:। इस प्रकार संक्षिप्त पूजन करने से ही भगवान शिव प्रसन्न होकर सारे मनोरथ पूर्ण करेंगे ।

भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए बन रहा है इस समय पंचग्रही योग
पं अमित हिशीकर,
ज्योतिषाचार्य,पुरोहित
महासमुंद
9993104447

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