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“भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई: पूर्व विधायक विनोद चंद्राकर ने लगाए गंभीर आरोप”

जिला अस्पताल सह मेडिकल काॅलेज में 575 पदों पर अब तक नहीं हो पाई भर्ती.

ग्रामीण इलाकों में पलायन की समस्या पर विनोद ने सरकार पर साधा निशाना
Vinod Chandrakar-1

महासमुंद।“भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई है पूर्व विधायक विनोद चंद्राकर ने इस मामले में गंभीर आरोप” लगाए है । भाजपा सरकार के 22 माह के कार्यकाल में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से अव्यवस्थित हो चुकी है।  प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों की हालत बदतर है और महासमुंद जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज भी संसाधनों की भारी कमी से जूझ रहा है। अस्पताल में आवश्यक दवाओं, उपकरणों और स्टाफ की कमी के कारण गरीब मरीजों को इलाज के लिए निजी दवा दुकानों और अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।

पूर्व संसदीय सचिव चंद्राकर ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को न तो पर्याप्त दवाएं मिल पा रही हैं, न जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं और न ही उचित इलाज की व्यवस्था है। जिला अस्पताल का संचालन सीमित स्टाफ के भरोसे किया जा रहा है, जिससे मेडिकल कॉलेज का काम भी प्रभावित हो रहा है। सोनोग्राफी, एक्सरे और सीटी स्कैन जैसी जांचों के लिए मरीजों को निजी संस्थानों की ओर रुख करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में अस्पताल में घटिया सामग्री की सप्लाई और उपकरणों की खराबी की घटनाएं सामने आई हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं।

भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई: पूर्व विधायक ने लगाए गंभीर आरोप”

पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में लिप्त है। घटिया और कालातीत दवाओं की खरीद, खराब उपकरणों और सर्जिकल सामग्री की सप्लाई से गरीब मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने हाल ही की एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि जिला अस्पताल में एक महिला मरीज का ऑपरेशन थिएटर में शॉर्ट सर्किट होने से ऑपरेशन अधूरा रह गया, जिससे उसकी जान जोखिम में पड़ गई।

पूर्व संसदीय सचिव चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए व्यापक काम किया गया था। उस दौरान प्रदेश में 8 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले गए, जिला अस्पतालों को मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया गया और 1900 से अधिक वेलनेस सेंटर संचालित किए गए थे। वहीं, भाजपा शासन में “हमर अस्पताल”, “हाट बाजार क्लिनिक”, “मोहल्ला क्लिनिक” जैसी योजनाएं उपेक्षा का शिकार हो चुकी हैं।

रिक्तियों को भरने में कोई रुचि नहीं

उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में महासमुंद जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज में कुल 616 स्वीकृत पदों में से 575 पद रिक्त हैं। इनमें अस्पताल अधीक्षक, मेडिकल अधिकारी, नर्सिंग स्टाफ, तकनीकी कर्मचारी और सहायक स्टाफ सहित कई महत्वपूर्ण पद खाली हैं, लेकिन भाजपा सरकार इन रिक्तियों को भरने में कोई रुचि नहीं दिखा रही है।

पूर्व संसदीय सचिव चंद्राकर ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं के प्रति सरकार की लापरवाही प्रदेश की जनता के जीवन से खिलवाड़ के समान है। भाजपा शासन में जनहित की योजनाएं ठप पड़ी हैं और पूरा सिस्टम केवल कमीशन आधारित कार्यप्रणाली पर चल रहा है।

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