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बार–बार किसानों की उपेक्षा करना भाजपा की आदत: विनोद चंद्राकर

किसानों को फसल क्षति की मुआवजा से वंचित करना चाहती है भाजपा।

बार–बार किसानों की उपेक्षा करना भाजपा की आदत: विनोद चंद्राकर

महासमुंद :-बार–बार किसानों की उपेक्षा करना भाजपा की आदत बन गई है वही किसानों को फसल क्षति की मुआवजा से वंचित करना चाहती है उक्त बाते पूर्व विधायक विनोद चंद्राकर ने जारी प्रेस विज्ञप्ति मे कही है ।

पूर्व विधायक ने आगे कहा है कि कांग्रेस कार्यकाल के समय किसानों के हितचिंतक बनने का ढोंग रचने वाले भाजपा के बड़े नेता आज अपने सरकार में मुंह में दही जमाए बैठे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन काल में झलप पटेवा क्षेत्र के ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को फसल क्षति का मुआवजा देने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी।

अधिकतर किसानों को मुआवजा मिला भी। पश्चात विधान सभा चुनाव के चलते कुछ गांवों के किसानों को मुआवजा वितरण नहीं हो पाया था। लेकिन सरकार बदलने के बाद से किसानों को भाजपा ने फसल क्षति का मुआवजा देना मुनासिब नहीं समझा। उस समय मुआवजा वितरण को लेकर हाय तौबा मचाने वाले भाजपा नेता आज इस मुद्दे पर बचते नजर आ रहे हैं।

कोई सुनवाई नहीं

पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि बार बार क्षेत्र के किसानों द्वारा ज्ञापन आवेदन सौंपने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। मेरे द्वारा भी इस संबंध में कलेक्टर को पत्र के माध्यम से अवगत कराकर शीघ्र मुआवजा प्रदान करने निवेदन किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अभी अंतिम बार नायब तहसीलदार झलप को क्षेत्र के किसानों ने 4 नवंबर को ज्ञापन सौंपकर 9 नवंबर तक मुआवजा राशि प्रदान करने की मांग की थी।

लेकिन, 9 नवंबर तक भी किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिला। किसानों ने कहा था कि 9 नवंबर तक मुआवजा नहीं मिली तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी। अब यदि किसान विरोध करने पर उतर आए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। सरकार द्वारा बार बार किसानों की उपेक्षा का परिणाम भयंकर हो सकता है। किसान कोई खैरात नहीं अपना अधिकार मांग रहे हैं।

फसल ओलावृष्टि से हुई बर्बाद

पूर्व संसदीय सचिव चंद्राकर ने कहा कि भाजपा की किसान विरोधी सरकार किसानों की फरियाद सुनने को तैयार नहीं है। हजारों एकड़ की फसल ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई। किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। फसल बर्बाद होने से किसान कर्ज में दब गए। किसानों के हित के इस महत्वपूर्ण मसले पर भाजपा नेताओं ने मौन साध लिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ओला प्रभावित किसानों को मुआवजा प्रदान करने की घोषणा की थी।

इसके बाद कई गांवों के किसानों को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया गया। कुछ ग्राम के किसान शेष रह गए थे। भाजपा ने ग्राम बरभाठा, गोडपाली, तेंदुवाही, सिनोधा, पचरी, नवागांव, बांसकुडा, जलकी, छपोराडीह, बिरबिरा, झाखरमुडा, धनगांव, रायतुम, रूमेकल, खरोरा के कृषकों के फसल क्षतिपूर्ति की राशि अटका दिया। साल भर से क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिलने से किसान आक्रोशित हैं। परिणाम स्वरूप किसान आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।

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