भोपाल-असहाय बुजुर्गों और दिव्यांग व्यक्तियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली का खाद्यान्न उनके घर पहुँचकर देने की ‘मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना’ जबलपुर जिले में शुरू हो गई। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की पहल पर इस योजना को लागू करने वाला जबलपुर, ग्वालियर के बाद प्रदेश का दूसरा जिला बन गया है। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के शुरूआती तीन दिनों में ही करीब डेढ़ हजार से अधिक बुजुर्गों और दिव्यांगजनों को उनके घर पहुँचकर राशन दिया जा चुका है। कलेक्टर शर्मा कहते हैं कि जिले में मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के तहत 21 हजार 134 हितग्राहियों को घर जाकर राशन पहुँचाया जायेगा। योजना में 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के असहाय बुजुर्गों को शामिल किया गया है।
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जबलपुर शहर के हनुमानताल स्थित उचित मूल्य दुकान के विक्रेता अब्दुल वाहिद, जो स्वयं दिव्यांग हैं, उन्होंने जब करीब 75 वर्षीय महिला हितग्राही बदरून्निशा के घर जाकर मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के तहत राशन का अनाज प्रदान किया तो बदरून्निशा ने आश्चर्यमिश्रित सवालिया निगाहों से उचित मूल्य दुकान के सेल्समैन अब्दुल को देखा…। इसके पहले कि वे कुछ पूछतीं अब्दुल ने कहा कि- मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के तहत मैं यह अनाज आपके घर लाया हूँ। अब आपको अनाज लेने राशन की दुकान नहीं जाना पड़ेगा, मैं खुद राशन देने आपके घर आया करूँगा।
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यह सुनने के बाद भी काफी देर तक बदरून्निशा को यकीन नहीं हो रहा था कि जिस अनाज को लेने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान में उन्हें घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था। वही अनाज अब विक्रेता स्वयं उन्हें घर आकर दिया करेगा। विक्रेता अब्दुल ने जब उन्हें बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुजुर्गों और दिव्यांगों को घर में ही राशन पहुँचाने के लिए मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना शुरू की है तो बड़ी खुशी के साथ बदरून्निशा ने कहा- ‘खुदा… मुख्यमंत्री को बरकत और तरक्की दे’। चलने-फिरने में असमर्थ लोगों को घर बैठे अनाज पहुंचाना बड़े पुण्य का काम है।
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ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते फरवरी माह की सात तारीख को ग्वालियर जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई असहाय बुजुर्ग एवं दिव्यांगों को घर पर ही राशन मुहैया कराने की योजना का शुभारंभ किया था। मुख्यमंत्री चौहान ने ग्वालियर जिले की इस पहल को सराहनीय बताते हुए बतौर मॉडल इसे जल्दी ही पूरे प्रदेश में लागू करने के निर्देश दिये थे।
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