दिल्ली- केंद्र सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा दिल्ली में आयोजित अमृत समागम Amrit Samagam में 36 गढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने छत्तीसगढ़ के योगदान पर विस्तृत चर्चा की। ‘शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा’, भगत सिंह की इन पंक्तियों के साथ संस्कृति मंत्री ने अपने वक्तव्य की शुरुआत की।
अपने वक्तव्य के दौरान संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव Amrit Mahotsav को भव्य और उचित तरीके से मनाने के लिए अपने राज्य की विकास यात्रा में देश की आजादी की यात्रा से संबंधित चार सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं- सन् 1921 का जिला राजनीतिक सम्मेलन, असहयोग आंदोलन, शहीद वीरनारायण सिंह Shaheed Veer Narayan Singh का विद्रोह, जंगल सत्याग्रह का विवरण भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली को उपलब्ध कराया।
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अपने वक्तव्य में संस्कृति मंत्री भगत ने कहा कि आज़ादी का अमृत समागम Amrit Samagam में महोत्सव के तहत छत्तीसगढ़ में हुए कार्यक्रम के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी। आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत छत्तीसगढ़ में 12 मार्च 2021 से 15 अगस्त 2022 तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाना है।
आज़ादी का अमृत महोत्सव Amrit Mahotsav के तहत छत्तीसगढ़ के स्वाधीनता सेनानियों के योगदान से छत्तीसगढ़वासियों को अवगत कराया गया। मंत्री अमरजीत भगत ने केंद्र सरकार को भविष्य की योजनाओं से अवगत कराते हुए कहा कि सिरपुर व पुरखौती मुक्तांगन Sirpur and Purkhauti Muktangan को फिल्म योजना के माध्यम से आज़ादी के अमृत महोत्सव में शामिल किया जाना है।
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