भोपाल-खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि राज्य शासन के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रसाद योजना के अंतर्गत माँ नर्मदा के उदगम स्थल अमरकंटक में विकास कार्यों के लिए 49 करोड़ 98 लाख रूपये स्वीकृत किये हैं। उन्होंने बताया कि अमरकंटक को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने एवं धर्मावलंबियों व श्रद्धालुओं को और अधिक सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत इस धार्मिक स्थल को विकसित करने के उनके प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था।
उपभोक्ता संरक्षण मंत्री सिंह ने बताया कि माँ नर्मदा के उदगम स्थल पर प्रसाद योजना के अंतर्गत कुंड के जल शुद्धिकरण के लिए वाटर फिल्टर लगाया जाएगा। कुंड में 38 लाख 23 हजार रूपये की लागत से वॉटर फिल्टर के माध्यम से जल का शुद्धिकरण होगा। प्रसाद योजना (तीर्थ यात्रा काया-कल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव) के अंतर्गत पर्यटन विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा। इसके साथ ही पद यात्री पुल एवं अन्य जन-सुविधाओं के कार्य किये जायेंगे।
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प्रसाद योजना के अंतर्गत 4 करोड़ 12 लाख रूपये की लागत से सौंदर्यीकरण, संरक्षण एवं दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए कार्य किये जायेंगे। इनमें वॉटर फिल्टर के अलावा 12 लाख 11 हजार रूपये के सोलर पैनल लगाये जायेंगे। इससे उदगम परिसर एवं कल्चुरी मंदिर परिसर में एक करोड़ 62 लाख की लागत से मंदिर को मोनोक्रोमेटिक लाइटिंग से सुसज्जित किया जायेगा। इसके अलावा परिक्रमा परिसर में 55 लाख 33 हजार की लागत से किचन एवं भोजन परिसर की व्यवस्था तथा प्रवेश द्वार एवं परिसर के सौन्दर्यीकरण का काम किया जायेगा।
उपभोक्ता संरक्षण मंत्री सिंह ने बताया कि इन्द्र दमन ताल एवं दक्षिण तट के सौन्दर्यीकरण के लिए 17 करोड 72 लाख रूपये स्वीकृत किए गए हैं। माँ नर्मदा के दक्षिणी उदगम तट पर 16 करोड़ 11 लाख की लागत से लैंड स्केपिंग, उद्यान चेन लिंक फेसिंग, पाथ-वे कार्य, स्टोरी पैनल, सीसीटीवी, जन-सुविधाएं टायलेट एवं कपड़े बदलने के लिए कियोस्क, वाहन पार्किंग क्षेत्र स्टोन बैंच आदि निर्माण कार्य किये जायेंगे। उक्त विकास कार्यों में माँ नर्मदा पर 7 करोड 81 लाख की लागत से पद यात्री पुल का निर्माण भी किया जायेगा।
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प्रसाद योजना के अंतर्गत तीर्थ-यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए विशाल कथा मंडप का निर्माण किया जाएगा। एक करोड़ 32 लाख रूपये की लागत से बनने वाला यह कथा मंडप 1290 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। इसके अलावा 2 करोड़ 14 लाख की लागत से टूरिस्ट फेसिलिटी सेंटर बनाया जाएगा, जिसमें ऑडियो विजुअल हॉल, लैंड स्केपिंग, डेकोरेटिव बैंच एवं आंतरिक रोड सहित अन्य कार्य किये जायेंगे। माई की बगिया, सोनमुझ एवं कपिलधारा का सौन्दर्यीकरण कर उसे और अधिक आकर्षक बनाया जाएगा।
उपभोक्ता संरक्षण मंत्री सिंह ने बताया कि वर्ष 2014-15 में तीर्थ-यात्रा, काया-कल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव (प्रसाद) योजना पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई थी। यह योजना 100 प्रतिशत केन्द्र शासन द्वारा पोषित योजना है। इस योजना का उदेश्य धार्मिक, पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए तीर्थ स्थलों की पहचान एवं इन स्थल के विकास कार्यों पर केन्द्रित है। इस योजना के तहत पर्यटन को आकर्षक एवं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है।
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