दिल्ली-भारत में आभूषणों पर हॉलमार्क अंकित करने के कार्य में हो रही प्रगति के विषय पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बीआईएस के महानिदेशक ने कहा कि हॉलमार्किंग योजना को बड़ी सफलता मिल रही है और अल्प अवधि में ही 1 करोड़ से अधिक आभूषणों पर हॉलमार्क अंकित करने का कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसी अवधि के दौरान, 90,000 से अधिक आभूषण-निर्माताओं ने पंजीकरण भी कराया है।
उन्होंने कहा कि आभूषण-निर्माताओं के समर्थन और सहयोग के कारण इस योजना को बड़ी सफलता मिली है, जो इस तथ्य से परिलक्षित होती है कि पंजीकृत आभूषण-निर्माताओं की संख्या बढ़कर 91,603 हो गई है। 1 जुलाई, 2021 से 20 अगस्त तक हॉलमार्क के लिए प्राप्त एवं हॉलमार्क अंकित किए गए आभूषणों की संख्या क्रमशः एक करोड़ सत्रह लाख और एक करोड़ दो लाख हो गयी है। हॉलमार्क के लिए अपने आभूषण भेजने वाले आभूषण-निर्माताओं की संख्या 1 जुलाई से 15 जुलाई के दौरान 5,145 से बढ़कर 1 अगस्त से 15 अगस्त, 2021 के दौरान 14,349 हो गई है और 861 एएचसी ने एचयूआईडी- आधारित प्रणाली के तहत हॉलमार्क अंकित करने का कार्य शुरू कर दिया है।
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हॉलमार्क अंकित करने की गति के मुद्दे पर विचार करते हुए बीआईएस के महानिदेशक ने कहा कि हॉलमार्क अंकित करने की गति में धीरे-धीरे और संतोषजनक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। 1 जुलाई से 15 जुलाई, 2021 तक के पखवाड़े के दौरान 14.28 आभूषणों का हॉलमार्क किया गया, लेकिन 1 अगस्त से 15 अगस्त के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर 41.81 लाख हो गया। 20 अगस्त 2021 को किसी एक दिन में 3 लाख 90 हजार आभूषणों का हॉलमार्क किया गया। उन्होंने कहा कि एक साल में 10 करोड़ आभूषणों की हॉलमार्किंग में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, यदि देश में हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाए तो यह आभूषणों की संख्या का एक अनुमानित आंकड़ा है।
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बीआईएस के महानिदेशक ने ऐसे दावों को खारिज कर दिया कि मांग पूरी करने के लिए 256 जिलों में एएचसी की क्षमता पर्याप्त नहीं है। उन्होंने डाटा साझा करते हुए कहा कि 1 अगस्त से 15 अगस्त, 2021 तक आभूषण प्राप्त करने वाले 853 एएचसी में से सिर्फ 161 एएचसी ऐसे थे, जिन्हें प्रति दिन 500 से ज्यादा आभूषण प्राप्त हुए और 300 से एएचसी को प्रति दिन 100 से कम आभूषण प्राप्त हुए।
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उन्होंने कहा कि सरकार आभूषण उद्योग की मांग के प्रति सुलभ और संवेदनशील रही है,
साथ ही उनकी वास्तविक मांगों के प्रति सराहना और समायोजन की अनुकरणीय भावना दिखाई है।
अनिवार्य हॉलमार्किंग की योजना शुरू करने से
पहले एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था और इस समिति की तीन बैठक हो चुकी हैं।
अनिवार्य हॉलमार्किंग की शुरुआत के बाद, अनिवार्य हॉलमार्किंग के
सुगम कार्यान्वयन के उद्देश्य से उपाय सुझाने के लिए एक परामर्श समिति
का गठन किया गया था। इस समिति की छह बैठक हो चुकी हैं और
कुछ दिन पहले उसने अपनी रिपोर्ट जमा कर दी थी।
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