रायपुर-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश के पहले सीएम हैं, जिन्हें हार्वर्ड विश्वविद्यालय से भारत सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। आदिवासी बहुल और कृषि प्रधान राज्य होने के नाते मुख्यमंत्री बघेल का हार्वर्ड से निमंत्रण देश और राज्य के लिए गर्व का विषय है। हालांकि मुख्यमंत्री बघेल को ‘लोकतान्त्रिक भारत में जाति और राजनीति’ विषय पर आयोजित चर्चा में आमंत्रित किया गया है, लेकिन वे यहाँ हाल ही में छत्तीसगढ़ में कृषि व उससे संबन्धित क्षेत्र में हुये अभिनवकारी पहल पर अपने अनुभवों को वहाँ उपस्थित नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं के समक्ष साझा करेंगे। साथ ही वे यहाँ आर्थिक मंदी के दौर में छत्तीसगढ़ में बढ़ी खरीदी सहित अन्य मुद्दों की जानकारी देंगे। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं को प्रदेश की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बारी योजना ने इतना प्रभावित किया है कि उन्होंने प्रदेश में अध्ययन व शोध की अपनी इच्छा भी प्रकट की है। वहीं, विश्वविद्यालय के छात्र वर्षा जल का संचय कर भूजल स्तर बढ़ाने की विधियों पर शोध करेंगे। बता दें, दिसम्बर में अमेरिकी काउंसल जनरल डेविड रेंज छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए थे.
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इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की आर्थिक योजनाओं को करीब से देखा था। साथ ही आदर्श गोठान का जायजा भी लिया था। वहीं, इससे पहले जुलाई में भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आइ जस्टर भी छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ चुके हैं.हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया जाना एक बड़ी उपलब्धि है। दुनिया के श्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों में शामिल हार्वर्ड विश्वविद्यालय के भारत सम्मेलन का सालाना आयोजन भारत से जुड़े समकालीन विषयों पर संवाद, परिचर्चा आदि के लिए किया जाता है, जिसमें दुनिया भर की नामी हस्तियाँ हिस्सा लेती हैं। यह आयोजन लोगों को जोड़ने के दुनिया का सबसे बड़े मंचों में से एक है.अमेरिका के बोस्टन में स्थित हार्वर्ड विश्वविद्यालय विश्व के उच्च शिक्षण संस्थानों में गिना जाता है। यहाँ प्रवेश पाना हर किसी का सपना होता है और यहाँ से पढ़ कर निकलने वाला एक अलग ही मुकाम हासिल करता है। हार्वर्ड से अब तक कई अमेरिकी राष्ट्रपति पढ़ाई कर चुके हैं। इसके अलावा कई नोबल पुरस्कार विजेता और दुनिया की मशहूर शख्सियतें भी हार्वर्ड में पढ़ चुकी हैं। छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बहुल राज्य में विकास के क्षेत्र में हुये नवाचार को हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालय में साझा किया जाना देश और प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।
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