कैंसर इलाज के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजे गए डॉ. रवि कन्नन

असम की बराक वैली के लोगों के लिए एक मसीहा के तौर पर सामने आए डॉ. रवि कन्नन, कैंसर रोगियों का मुफ्त इलाज करने के लिए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया।स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में असम की बराक वैली देश की सबसे महरूम इलाकों में से एक है।कैंसर मरीजों के मन में एक धारणा थी कि यह लाइलाज बीमारी है, इसलिए इसके इलाज पर ज्यादा खर्च करने का कोई फायदा नहीं है।डॉ. रवि कन्नन पेशे से सर्जिकल ओंकोलॉजिस्ट  नहीं चाहते थे कि उपचार के अभाव में कैंसर के किसी मरीज की मौत हो जाए।उन्हें लगा कि एक डॉक्टर के रूप में उनकी चेन्नई से ज्यादा बराक वैली को उनकी जरूरत है।तब उन्होंने 2007 में बराक वैली आने का फैसला कर लिया।यहाँ आकर उन्होंने सेवा भाव से एक छोटा सा अस्पताल खोला।उन्होंने अपने अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों के लिए अपने ही अस्पताल में रोजगार की व्यवस्था शुरू करवाई।

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इस काम में उन्हें कई स्थानीय समूहों और सरकार से भी मदद मिली।अस्पताल में मरीजों से टेस्ट के लिए 500 रुपया लिया जाता है और फिर पूरी जिंदगी मुफ्त इलाज किया जाता है।इसका नतीजा ये हुआ कि फॉलोअप के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में  इजाफा होता चला गया।आज आलम ये है कि करीब 70 फीसदी मरीज पूरा इलाज करवाते हैं और 90 फीसदी मरीज फॉलोअप के लिए पहुंचते हैं।पिछले कुछ वर्षों से बराक वैली में 70,000 से ज्यादा कैंसर मरीजों का मुफ्त इलाज किया है।वह सिर्फ कैंसर मरीजों का इलाज ही नहीं करते, उनके ठहरने, खाने-पीने और उनके अटेंडेंट्स के लिए रोजगार का भी इंतजाम करते हैं।उनका ग्रामीण कैंसर सेंटर करीब एक दशक में एक पूर्ण कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर के रूप में तब्दील हो चुका है।

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