वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि सरकार चाहती है कि धन लोगों, विशेषरूप से मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों के हाथ में रहे। केंद्रीय बजट 2020-21 पेश करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सुश्री सीतारामन ने कहा कि सरकार यह भी चाहती है कि आयकर प्रक्रिया सरल हो और कर अनुपालन में बढ़ोतरी हो। उन्होंने कहा कि करदाता अध्याय एक प्रमुख कदम है जो ईमानदार करदाताओं का सम्मान सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह जनता के विश्वास का सम्मान है।
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वित्त मंत्री ने कहा कि खपत मांग, निजी निवेश और सार्वजनिक खर्च में बढ़ोतरी के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में आधा प्रतिशत की रियायत देनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि राजकोषीय जिम्मेदारी का उल्लंघन किए बिना राजस्व पर और दबाव बढ़ाना संभव न होने को देखते हुए यह फैसला किया गया है। वित्त मंत्री सीतारामन ने कहा कि कॉरेपोरेट कर में कटौती और नई कंपनियों द्वारा उसका लाभ उठाए जाने तथा जीएसटी की वसूली में सुधार से राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि विनिवेश में सुधार से अगले वर्ष राजकोषीय घाटा कम करने में सहायता मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि यह पहला अवसर है जब देश में इतने महत्वपूर्ण और ठोस सुधार बजट में प्रस्ताविक किए गए हैं। इनसे बांड बाजार में मजबूती आएगी।
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