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तातापानी के गर्म जल स्त्रोत बने आकर्षण का केन्द्र,मान्यता है कि इसके पानी से दूर होते हैं चर्म रोग

रायपुर : मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और झारखंड की सीमा से सटा बलरामपुर जिला अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है। जिला मुख्यालय से रामानुजगंज मुख्य मार्ग पर 15 किलोमीटर की दूरी में राष्ट्रीय राजमार्ग 343 से लगा ग्राम तातापानी स्थित है। तातापानी नाम के अनुरूप प्राकृतिक गर्म स्त्रोत का अनोखा केंद्र है। यह छत्तीसगढ़ का एक मात्र गर्म जल स़्त्रोत है। गर्म जल स्त्रोत के पास 80 फुट ऊंची शिव की विशाल प्रतिमा एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। यह स्थान अब पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित हो रहा है। जिला प्रशासन द्वारा इस स्थान में पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए कई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं.

लोगों की आस्था और धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा यहां गर्म जल स्त्रोतों के स्थान पर कुंड भी बनाया गया है। यहां मकर सक्रांति के दिन लगने वाले दो दिवसीय मेले को तातापानी महोत्सव का स्वरूप दिया गया है। महोत्सव में लोक गीत संगीत के आयोजन के साथ ही यहां राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं पर प्रदर्शनी का भी आयोजन होता है। महोत्सव में लोगों के मनोरंजन के लिए झूले तथा यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्री की बिक्री के लिए स्टाल लगाए जाते हैं.

सरगुजिया बोली में ताता का अर्थ गर्म और पानी का अर्थ जल से है। इस प्रकार तातापानी का अर्थ गर्म जल के स्त्रोत से है। भू-गर्भ से निकलने वाले इस गर्म जल का तापमान 110 डिग्री सेल्सियस है। यहां गर्म जल के 8 से 10 स्त्रोत हैं। इस पानी में हाइड्रोजन सल्फाईड होने के कारण इस जल से स्नान करने पर कई प्रकार के चर्म रोग भी दूर हो जाते हैं। यहां आस-पास के जिलों के अलावा अन्य प्रदेशों उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और झारखंड राज्य, से चर्म रोग से पीड़ित व्यक्ति आते हैं। ऐसा गर्म पानी का जल स्त्रोत प्रदेश में कहीं और नहीं है.

तातापानी में लगातार बारह महीनों निकलते गर्मजल स्त्रोतों से आम जनता की धार्मिक भावनाएं भी जुड़ी हुई है। पहले यहां पर पारंपरिक रूप से ग्रामीण मेला का आयोजन होता आया है। इसे अब स्थानीय प्रशासन द्वारा पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। पर्यटकों की सुविधा के लिए तातापानी में तालाब सौंदर्यीकरण, उद्यान निर्माण के साथ चारों ओर हरियाली के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। वर्षो पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया है। अन्य निर्माण कार्यों में भी नई सुविधाएं जुटाई जा रही हैं.

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