केंद्र सरकार नक्सलियों के ख़िलाफ़ लगातार कार्रवाई कर रही है. नक्सलियों के प्रभाव को रोकने के लिए लगातार राज्य सरकारों को भी केंद्र सरकार हर संभव मदद पहुंचाती है. ये केंद्र सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि देश में नक्सल प्रभावित इलाकों में कमी आई है.
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में इस वर्ष 2019 में 101 हमलों में जहां 65 नक्सली मारे गए. वहीं इन हमलों में 18 जवान भी शहीद हुए. इसके साथ ही नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 125 जवान गंभीर रूप से घायल भी हुए. साल 2019 में सीआरपीएफ और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 128 हथियार भी बरामद किए गए.
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नक्सलियों के खिलाफ केंद्र सरकार और हमारे जवानों के बढ़ते कदमों का ही असर था कि साल 2019 में 304 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 150 से ज्यादा हार्डकोर नक्सली थे जिन पर 1 लाख से लेकर 5 लाख रुपये तक के इनाम घोषित थे.
नक्सलियों के खिलाफ बस्तर संभाग में हमारे जवान लगातार सर्च अभियान चलाते हैं. ऐसे अभियानों का ही नतीजा है कि साल 2019 में नक्सलियों द्वारा बिछाई गई 172 बारूदी सुरंगे (आईईडी) बरामद कर नक्सलियों के गलत मंसूबों को नाकाम किया. इसके साथ ही सर्चिंग के दौरान 475 नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया गया. गिरफ्तार किए गए नक्सलियों में 150 नक्सली इनामी और हार्डकोर स्तर के हैं, जिन पर कई संगीन मामले दर्ज हैं. साल 2019 में नक्सली हमलों में भी कमी आई है.
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नक्सलियों ने बस्तर संभाग में इस वर्ष पुलिस पर हमला करके सात हथियार लूटे हैं, जिनमें सर्वाधिक पांच हथियार लोकसभा चुनाव के दौरान दंतेवाड़ा जिले में तत्कालीन विधायक भीमाराम मंडावी के काफिले पर ब्लास्ट के बाद शहीद जवानों से लूटे गए थे.
नक्सलियों पर लगाम लगाने और उनकी नकेल कसने के लिए हमारे जवान लगातार नक्सली इलाकों में कैम्प खोल रहे हैं, ताकि आस-पास के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को सुरक्षा भी मिल सके और नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास के कामों को भी तेजी के साथ पहुंचाया जा सके. जैसे बेहतर कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य सेवा, मोबाइल कनेक्टिविटी और शिक्षा जैसे कामों पर इन इलाकों में तेजी के साथ काम. यही कारण है कि वर्ष 2019 में बस्तर संभाग में 7 नए कैम्प खोले गए, जिसमें बीजापुर में दो, दंतेवाड़ा में तीन तथा कांकेर एवं नारायणपुर जिले में एक-एक कैम्प खोले गए.