महासमुंद। पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने आरोप लगाया कि नई गाइडलाइन से बढ़ा भूमि मूल्य, आम जनता और रियल एस्टेट सेक्टर पर बोझ बढ़ा है,भाजपा की साय सरकार आर्थिक कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में नए-नए कर थोप रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अचानक भूमि की गाइडलाइन दरें 10 से 100 प्रतिशत तक बढ़ा दी हैं, जबकि सामान्यतः यह वृद्धि 10–15 प्रतिशत तक सीमित रहती है।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस शासनकाल की 30 प्रतिशत छूट समाप्त कर दी गई है और 5 डिसमिल से कम भूमि की रजिस्ट्री पर रोक ने आम लोगों को बड़ी कठिनाई में डाल दिया है। नई व्यवस्था के अनुसार कृषि भूमि बेचने पर प्रारंभिक 15 हजार वर्गफीट के लिए वर्गफीट के हिसाब से और शेष भूमि पर हेक्टेयर दर से स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी, जिससे जमीन खरीदी बेहद महंगी हो गई है।
नई गाइडलाइन से बढ़ा भूमि मूल्य, जनता व रियल एस्टेट सेक्टर पर बढ़ा बोझ
चंद्राकर ने कहा कि कई क्षेत्रों में रजिस्ट्री शुल्क जमीन की कीमत के बराबर हो गया है। 30 लाख की जमीन पर 22 लाख की स्टाम्प ड्यूटी और 6 लाख की जमीन पर 4 लाख 40 हजार का शुल्क देना आम आदमी की पहुंच से घर बनाने का सपना दूर कर देगा। इससे किसानों की जमीन बिक्री भी ठप हो सकती है।
उन्होंने कहा कि नए नियम रियल एस्टेट सेक्टर को गंभीर नुकसान पहुंचाएंगे,
जबकि कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार इसी क्षेत्र में मिलता है।
सरकार महतारी वंदन और किसानों को दिए जाने वाली राशि की
भरपाई शराब बिक्री बढ़ाकर और भूमि कर में वृद्धि कर जनता से करना चाहती है, जो जनविरोधी कदम है।
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