महासमुंद। पूर्व विधायक एवं छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने साय सरकार की बिजली नीति पर हमला बोला है । उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय ‘बिजली बिल हाफ योजना’ के अंतर्गत 200 यूनिट तक नि:शुल्क बिजली दी जाती थी, जिससे जनता को बड़ी राहत मिलती थी। भाजपा सरकार ने इस योजना को बंद कर आम लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है।
उन्होंने बताया कि राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 15 से 20 पैसे प्रति यूनिट बढ़ा दी गई हैं, जिससे जनता को पहले से अधिक भुगतान करना पड़ेगा। बिजली कंपनियों का
4550 करोड़ का घाटा दर्शाकर उसकी भरपाई आम उपभोक्ताओं से करने की तैयारी हो रही है।
साय सरकार की बिजली नीति से जनता पर दोहरी मार : विनोद चंद्राकर
श्री चंद्राकर ने आरोप लगाया कि सरकार ने बिजली की दरें बढ़ाने को लेकर जनसुनवाई गुपचुप तरीके से की, जबकि निर्णय पहले ही लिया जा चुका था। इस वृद्धि का असर प्रदेश के 65 लाख उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। सरकारी विभागों पर
1750 करोड़ रुपए का बकाया होने के बावजूद उनसे वसूली नहीं हो रही, वहीं आम नागरिकों के मामूली बकाया पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
बिजली दरों में वृद्धि कर उद्योगों को बंद करना चाहती है भाजपा : विनोद चंद्राकर
उन्होंने कहा कि मई माह से एफपीपीएएस शुल्क में 7.15% की वृद्धि कर
जनता पर अतिरिक्त भार डाला गया है। कोयले की आपूर्ति का प्रमुख स्रोत होने
के बावजूद छत्तीसगढ़ में लगातार बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या
बनी हुई है। यह सब प्रदेशवासियों के साथ विश्वासघात है। अंत में उन्होंने मांग की
कि भाजपा सरकार तत्काल बिजली दरों में वृद्धि को वापस लेकर, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार
की ‘बिजली बिल हाफ योजना’ को पुनः लागू करे, ताकि जनता को राहत मिल सके।
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