महासमुंद। प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत की गई है।
निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय आबकारी आयुक्त कार्यालय, नवा रायपुर अटल नगर में निर्धारित किया गया है। 36 गढ़ शासन ने शासकीय कार्य में अनियमितता, तय दर से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय, स्टॉक में गंभीर कमी और बिक्री राशि में लाखों रुपये की गड़बड़ी के मद्देनज़र तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
दुकान का किया आकस्मिक निरीक्षण
गौरतलब है कि 29 मई को आबकारी विभाग मुख्यालय रायपुर के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा महासमुंद जिले के घोड़ारी स्थित कम्पोजिट मदिरा दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण से पूर्व एक छद्म ग्राहक को 500-500 रूपए की कुल 4 नोट यानि कुल 2000 रूपए देकर मदिरा खरीदने भेजा गया। निर्धारित मूल्य 1760 रूपए के स्थान पर विक्रयकर्ता द्वारा 2000 रूपए में मदिरा बेचा गया।
बात स्वीकार की
पूछताछ में विक्रयकर्ता ने अधिक मूल्य पर विक्रय की बात स्वीकार की। स्टॉक के भौतिक सत्यापन में 1886 नग देशी मदिरा मसाला की कमी और एक लाख 88 हजार रूपए की आर्थिक गड़बड़ी पाई गई। वहीं, बिक्री राशि की तुलना में नगदी में 3 लाख 8 हजार रूपए और विदेशी मदिरा में एक लाख 99 हजार रूपए की कमी पकड़ में आई।
प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी लापरवाही व अनियमितता के चलते निलंबित
इस प्रकार कुल 6 लाख 96 हजार रूपए की वित्तीय अनियमितता का मामला पकड़ में आया। उपरोक्त अनियमितताओं को देखते हुए राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी महासमुंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने की कार्रवाई की गई है।
आबकारी आयुक्त ने बताया कि इससे पूर्व में 3 मई 2025 को राज्य स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा बागबाहरा (महासमुंद) में उड़ीसा निर्मित और केवल उड़ीसा में वैध 351.17 बल्क लीटर अवैध मदिरा जब्त की गई थी, जिसमें तीन प्रकरण दर्ज हुए और फरार आरोपी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धाराओं 34(2) और 59(क) के तहत कार्यवाही की गई।
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