किसानों के हित के लिए मंत्री मंडलीय उपसमिति के गठन की घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी के मामले में विधानसभा में प्रस्तुत स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि किसानों के साथ किया गया हर वादा पूरा किया जाएगा। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि धान का प्रति क्विंटल 2500 रूपए किसानों के जेब में जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के बार-बार अनुरोध के बावजूद भारत सरकार इस निर्णय पर अड़िग है कि वह छत्तीसगढ़ के किसानों के धान को 2500 रूपए प्रति क्विंटल राशि दिए जाने पर राज्य सरकार को सहयोग नहीं करेगी तथा राज्य का चावल सेन्ट्रल पूल में नहीं लेगी। इसलिए केन्द्र सरकार के अहंकार को बनाए रखने एवं उसको प्रणाम करते हुए भारत सरकार की संतुष्टि से लिए 1 दिसंबर से केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दर पर धान खरीदी की जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि 2500 रूपए प्रति क्विंटल किसानों का हक है एवं इसे देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध ह.
2500 रूपए (अंतर की राशि) किसानों को कैसे दिया जाए इसके लिए एक समिति गठित की गई, जिसमें कृषिमंत्री, वन मंत्री, खाद्य मंत्री, सहकारिता मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री सम्मिलित होंगे। समिति की अध्ययन के माध्यम से राज्य सरकार किसानों के जेब में 2500 रूपए पहुंचाने की व्यवस्था करेगी। राज्य सरकार हर हालत में किसानों को प्रति क्विंटल धान का 2500 रूपए देगी तथा छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय नहीं होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को 2500 रूपए क्विंटल में धान खरीदी की पूरी राशि देने और नियमों को शिथिल कर केन्द्रीय पूल में राज्य का चावल लेने के लिए केन्द्र से लगातार आग्रह करते रहेंगे। इस संबंध में अन्य दलों से भी किसानों के हित में सहयोग करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि निर्धारित समर्थन मूल्य कॉमन धान के लिए 1815 रूपए और ग्रेड-ए धान 1835 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपने वायदे के अनुसार किसानों को 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर प्रदान करने के लिए अंतर की राशि की व्यवस्था करने के तरीकों के लिए बनी उपसमिति के सुझाव के अनुसार भुगतान सुनिश्चित करेगी.
मुख्यमंत्री ने व्यापारियों के लिए धान की भंडारण क्षमता वर्तमान में निर्धारित चार क्विंटल को बढ़ाकर 10 क्विंटल तक किए जाने की घोषणा भी की। उन्होंने सदन में चर्चा करते हुए कहा कि अनाज भंडारण देश की समस्या है। इसके निराकरण के लिए प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना जरूरी है। बघेल ने कहा कि धान, गन्ना एवं मक्का से एथेनॉल बनाया जा सकता है। इस संबंध में उन्होंने केन्द्रीय मंत्रियों से चर्चा भी की और इस संबंध में केन्द्र को प्रस्ताव भी भेजे गए है। उन्होंने कहा कि किसानों को 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान का मूल्य मिलने से व्यापारियों को भी लाभ होगा और इसका अच्छा असर आर्थिक जगत पर भी दिखेगा। बघेल ने यह बताया कि देशव्यापी आर्थिक मंदी के दौर में इस वर्ष छत्तीसगढ़ में 26.5 प्रतिशत विकास का वृद्धि दर रहा है। यहां सराफा व्यापार में 84 प्रतिशत की वृद्धि हुई और रियल स्टेट के क्षेत्र में पिछले वर्ष 92 करोड़ रूपए की तुलना में 152 करोड़ रूपए की राजस्व राशि प्राप्त हुई है। इसी का परिणाम है कि राज्य में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष किसानों के पंजीयन में तीन लाख की बढ़ोत्तरी हुई है। राज्य शासन की नीतियों के कारण ही इस साल दो लाख एकड़ कृषि रकबा भी बढ़ा है.
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