महासमुंद। गरियाबंद जिले के पैरी परियोजना अंतर्गत सिकासेर बांध से कोडार जलाशय तक नहर निर्माण प्रस्तावित है। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर की पहल पर प्रदेश सरकार ने प्रस्तावित नहर निर्माण के सर्वे के लिए एक करोड़ की राशि का बजट में प्रावधान किया है। बताया जाता है कि अगले महीने किसी एजेंसी के माध्यम से सर्वे कराए जाने की तैयारी है।
मिली जानकारी के अनुसार महासमुंद जिले में वृहद सिंचाई परियोजना अंतर्गत एकमात्र कोडार बांध से खरीफ सीजन में करीब 23 हजार 472 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। वहीं मध्यम सिंचाई परियोजना के अंतर्गत केशवा बांध से तीन हजार आठ सौ 46 हेक्टेयर में सिंचाई होती है। रबी सीजन में बांध खाली होने पर किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल पाती।
किसानों की मांग पर संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने गरियाबंद जिले के पैरी परियोजना अंतर्गत सिकासेर बांध से नहरों के माध्यम से पानी महासमुंद जिले में लाने ध्यानाकर्षित कराया। बाद इसके प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022-23 के बजट में सिकासेर बांध से कोडार बांध तक नहर निर्माण के सर्वे के लिए एक करोड़ की राशि का बजट में प्रावधान किया है।
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जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सिकासेर बांध बरसात के दिनों में जल्दी भर जाता है और इसका पानी व्यर्थ बह जाता है। नहर बनने से पानी का सदुपयोग होने के साथ ही महासमुंद जिले में सिंचाई क्षमता में वृद्धि हो सकेगी। इधर संसदीय सचिव व विधायक ने इस संबंध में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से चर्चा की।
इस पर अधिकारियों ने संसदीय सचिव को बताया कि सिकासेर बांध से कोडार बांध तक नहर निर्माण प्रस्तावित है। इसके सर्वेक्षण में एक करोड़ रूपए की राशि का बजट में प्रावधान किया गया है। संभवतः अप्रैल महीने में किसी एजेंसी के माध्यम से सर्वे का कार्य कराने की तैयारी की जा रही है।
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