महासमुंद। संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने प्रदेश में खाद संकट को लेकर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ऐन रबी फसल की बुवाई के समय केंद्र सरकार ने राज्य के कोटे में 45 फीसदी की कटौती कर दी है। जिसका खामियाजा प्रदेश के किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
संसदीय सचिव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों की सरकार है। भूपेश सरकार किसानों की चिंता करती है। केंद्र सरकार द्वारा राज्य के कोटे में कटौती करने के बाद भी प्रदेश सरकार रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता के आधार पर खाद उपलब्ध करा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 7 लाख 50 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद मांगा था। लेकिन केंद्र सरकार ने मात्र 4 लाख 11 हजार मीट्रिक टन उर्वरक दिये जाने की स्वीकृति दी।
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यह छत्तीसगढ़ की जरूरत का केवल 55 फीसदी है। शेष 45 फीसदी की कटौती कर ली गई। इसमें भी केवल 3 लाख 20 हजार मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक ही छत्तीसगढ़ में आया है। छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ के मुताबिक राज्य को अब तक 1 लाख 17 हजार 522 मीट्रिक टन यूरिया मिला है। यह राज्य की जरूरत का केवल 34 फीसदी है। इसी तरह डीएपी मात्र 28 फीसदी, पोटाश 53 फीसदी, एनपीके कॉम्प्लेक्स 43 फीसदी मिल पाया है।
इसी वजह से प्रदेश में रासायनिक उर्वरकों की कमी की स्थिति बनी है। बावजूद इसके प्रदेश सरकार रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता के आधार पर खाद उपलब्ध करा रही है। साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गोबर खरीदकर उसे वर्मी कंपोस्ट के रूप में तैयार करवा रही है। किसानों के हित में हर सम्भव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य के कोटे की आपूर्ति न कर कटौती करने से प्रदेश में खाद का संकट पैदा हो गया। इस संकट के लिए मोदी सरकार का छत्तीसगढ़ विरोधी रवैया जिम्मेदार है।
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