रायपुर-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि केन्द्र सरकार कोरोना से मृतक व्यक्ति के परिवारों को मुआवजा के रूप में पूर्व घोषित 4 लाख रूपए की राशि देने के लिए आवश्यक पहल करें। प्रधानमंत्री को भेजी गई चिट्ठी में CM बघेल ने लिखा है कि केन्द्र सरकार गृह मंत्रालय द्वारा 14 मार्च 2020 को जारी अपने पहले आदेश को लागू करें, जिसमें सरकार ने प्रति मृतक 4 लाख रूपए की राशि देने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री ने चिट्ठी में यह भी अवगत कराया है कि केन्द्र सरकार ने बाद में इस अधिसूचना में संशोधन किया और मुआवजे की राशि को घटकार 50 हजार रूपए कर दिया। हमें लगता है कि ऐसे संकट के समय में मृतक के परिवार को 4 लाख रूपए की राशि प्रदान करना जरूरी है। हमारा ऐसा मानना है कि SDRF मानदंडों के अनुसार मुआवजा राशि 4 लाख रूपए में से 75 प्रतिशत जो कि 3 लाख होते हैं, केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जाना है, जबकि शेष 25 प्रतिशत जो कि एक लाख रूपए है, राज्यों की जिम्मेदारी होगी।
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मुख्यमंत्री ने चिट्ठी में यह भी अवगत कराया है कि हमारे संविधान में निहित जनकल्याण भाव-हमारे नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यक सेवाओं का मूल अधिकार प्रदान करता है। इसके साथ ही हमारा संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार देता है कि जो राज्य से अपने संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करा सके।
11 सितम्बर 2021 को भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक विस्तृत हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया कि वह SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष) के माध्यम से कोविड-19 महामारी से प्रभावित लोगों के परिवारों को मुआवजा राशि के रूप में 50 हजार रूपए का भुगतान करेगा। NDMA (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) के तहत मुआवजे की राशि को केन्द्र और राज्य द्वारा क्रमशः 75 प्रतिशत से 25 प्रतिशत के अनुपात में साझे रूप से वहन किया जाता है।
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मुख्यमंत्री ने चिट्ठी में अवगत कराया है कि कोरोना से इस देश की अधिकांश आबादी को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोगों की असमय मौत हुई है, व्यवसाय बंद हो गए हैं, लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं। परिवारों ने अपने कमाऊ सदस्यों को खो दिया है और महामारी के दौरान निजी अस्पतालों में इलाज के खर्च ने उन्हें सड़कों पर ला दिया है। परिवारों ने अपनी सारी बचत गंवा दी है और वो भारी कर्ज में डूब गए हैं। ऐसे कठिन समय में मुआवजे के रूप में सिर्फ 50 हजार रूपए पर्याप्त नहीं है।
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