भोपाल-प्रदेश के तीन जिलों में फैला हुआ नौरादेही अभ्यारण में 165 विभिन्न प्रकार के दुर्लभ पक्षियों और 5 बाघों की मौजूदगी है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को लुभाते हैं। नौरादेही वन्य अभ्यारण सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले तक 1197.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।
सम्पूर्ण अभ्यारण एक पठार पर स्थित है। दमोह जिलें में दुर्गावती अभ्यारण की ओर पूर्व में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान तक है। यह अभ्यारण जबलपुर सागर हाइवे से लगा हुआ है। इसमें 8 रेंज आती है। इन रेन्जों में बेशुमार जंगली जानवरों को दूर-दराज से बड़ी संख्या में पर्यटकों की आमद होती है। अभ्यारण में प्रकृति की धरोहर सभी के मन मोहने वाली है। इसमें गढ़ी पहाड़, पोखर, जमरासी तालाब, चेवेला तालाब, बधपानी, आमपानी घना जंगल, वनस्पति और पक्षियों का बसेरा पर्यटकों को भरपूर आनंद देता है।
विभिन्न प्रान्तों से तकरीबन 30 पक्षी विशेषज्ञों ने सर्वेक्षण कार्य को पूराकर 165 दुर्लभ पक्षियों को न केवल तलाशा अपितु उनके चित्र और आवाजें भी रिकार्ड की। सांवली चील, उल्लू, सफेद बेलीड मिनिवेट, हिमालयन वल्चर, यूरेशियन फ्लाई कैचर, सफेद गले वाला किंगफिशर जैसे पक्षी और जंगली सुअर, चिन्नीदार हिरण की मौजूदगी पर्यटकों को बरबस आकर्षित करते हैं।
नौरादेही एक तरह से पन्ना टाइगर रिजर्व के लिए गलियारा सिद्ध हुआ है और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और रानी दुर्गावती वन्य-जीव अभ्यारण से जुड़े होने की बजह से पक्षियों का घर बन गया है। कुल मिलाकर नोरादेही अभ्यारण पक्षियों के रहवास के लिए आदर्श स्थल बनता जा रहा है।
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