अजित पुंज-बागबाहरा– भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासमुंद ज़िला अध्यक्ष जसराज चंद्राकर ‘बाला’ ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव को एक ज्ञापन प्रेषित कर महासमुंद ज़िले से लगे छत्तीसगढ़-ओड़िशा सीमावर्ती इलाकों में छत्तीसगढ़ आने वालों के कोविड परीक्षण का ज़िम्मा निजी लैब को सौंपे जाने पर अपना कड़ा ऐतराज़ जताया है। इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव से आग्रह किया कि ओड़िशा से लगी छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश करने वाले लोगों का 150 रुपए लेकर परीक्षण कराने के बजाय पूर्ववत शासकीय तौर पर नि:शुल्क कोविड जाँच कराई जाए, जिससे काम-धंधे के सिलसिले में आने-जाने वाले मध्यम व ग़रीब वर्ग के लोगों पर आनावश्यक आर्थिक बोझ न पड़े।
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भाजयुमो ज़िला अध्यक्ष ने कहा कि महासमुंद ज़िले के बागबाहरा व सराईपाली विकासखंड के रास्ते ओड़िशा से छत्तीसगढ़ आने-जाने वाले लोगों की निजी लैब से सशुल्क कोविड जाँच कराने का प्रदेश सरकार का फैसला इस आपदाकाल में मध्यम व ग़रीब वर्ग के लोगों के लिए आर्थिक बोझ साबित हो रहा है। निजी लैब से कोविड जाँच कराए जाने के फैसले को निंदनीय बताते हुए मंगलवार को अनुविभागीय दंडाधिकारी के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव को ज्ञापन दिया।
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ज्ञापन में ज़िला अध्यक्ष ने कहा कि जब प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में कोविड टेस्ट किट पर्याप्त मात्रा में हैं तो यह जाँच नि:शुल्क कराई जानी चाहिए। एक तरफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार कोरोना के ख़िलाफ़ ज़ंग में सभी तरह की सुविधाएँ व संसाधन मुहैया करा रही है, प्रदेश की कांग्रेस सरकार कोरोना की रोकथाम के नाम पर बड़ी-बड़ी डींगें हाँक रही है, वहीं दूसरी तरफ़ छत्तीसगढ़ के लोगों की जाँच निजी लैब से करा उन निजी लैबों को फ़ायदा पहुँचाया जा रहा है, जो कि सर्वथा अनुचित है। ज्ञापन में कहा कि प्रदेश सरकार इस आपदा काल को कुछ लोगों के आर्थिक हितों के संपोषण का अवसर न बनने दे और पूर्ववत शासकीय तौर पर कोविड टेस्ट की व्यवस्था बहाल करे।
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