अजित पुंज-बागबाहरा-जनपद अध्यक्ष स्मिता चंन्द्राकर ने विगत सप्ताह भर से खल्लारी क्षेत्र में मौसम के बदलते तेवर से किसानों को काफी विचलित कर दिया है क्षेत्र मे अचानक से मौसम ने करवट बदल कर आँधी तूफान ओला पानी गिरने से किसानों के रबी सीजन का धान 50 प्रतिशत खराब हो चुका है पक कर खडे धान की कटाई करने के समय में मौसम के दगा दिये जाने से स्थिति काफी खराब हो चुका है कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों की बर्बादी से हताशा निराशा घर कर गई है किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गये है।
छत्तीसगढ़ सरकार से मांग
अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग की है कि फसल क्षति का मुआयना कर किसानों को लागत राशि अनुरूप क्षति पूर्ति मुआवजा राशि का भुगतान करें ताकि किसानो को खरीफ सीजन मे खेती करने से कोई परेशानी उठाना ना पडे।उन्होंने कहा कि धान पक कर कटाई के लिए तैयार हो चुका था परंतु बे मौसम बारिश ने किसानों को तबाह करते हुये धान के पौधों से दाना झड गया सिर्फ पैरा बचा है।
प्रति वर्ष खेती मे नुकसान से आर्थिक बदहाली
यहां के किसान हमेशा से सूखा अतिवृष्टि ओलावृष्टि अकाल के चपेट में आते है इसलिए किसानों के रीड की हड्डी कमजोर हो चुका है प्रति वर्ष खेती मे नुकसान से आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे है।सरकार किसानों को दया के पात्र न समझे किसानों को आत्म निर्भर बनाने अवसर प्रदान करें मै केन्द्र और राज्य दोनो सरकार से अपील करती हूँ कि वे किसानों को कम से कम 20 हजार प्रति एकड के हिसाब से क्षति पूर्ति राशि का अविलंब भुगतान करना सुनिश्चित करे ताकि महीने भर बाद वे खरीफ सीजन की खेती की तैयारी कर सके।
धान की बालियां अब अंकुरित होने की स्थिति मे
यदि सरकार मुआवजा नहीं देगी तो किसानों का जीना दूभर हो जायेगा किसानों की बर्बाद फसल को देख कर कोई अपना आँसू भी नहीं रोक पायेगा पानी मे डूबे धान की बालियां अब अंकुरित होने की स्थिति मे आ गया है चूंकि धान की फसल पूरी तरह से पानी मे डूब गया है बचे हुये फसल को बचाने के लिए किसान हाडतोड मेहनत कर रहे है। स्मिता चंन्द्राकर ने कहा है सरकार रवि सीजन के धान को केन्द्रीय समर्थन मूल्य मे खरीदी करने का आदेश दें चूंकि खुले बाजार में धान की कीमत 12 से 13 सौ रुपये तक ही है इस दर पर लागत राशि भी वसूल नहीं हो पा रहा है।
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