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गुड़ाखू कर थूकने से भी फैल सकता है कोरोना,तालाबों का कम करे इस्तेमाल-कलेक्टर

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बलौदाबाजार- सार्वजनिक तालाबों के उपयोग में सामाजिक दूरी के नियमों की अनदेखी और गुड़ाखू सेवन कर थूकने से भी कोरोना फैलने की संभावना रहती है। कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने जिले में गंभीर संक्रमण के हालात को देखते हुए तालाबों में गुड़ाखू सेवन से बचते हुए तालाबो के कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है पिछले कुछ दिनों में जिले में कोरोना मरीज़ों की संख्या में एकाएक उभार आया है।

मंगलवार 6 अप्रैल को जिले में 209 मरीज़ और इसके दूसरे दिन 7 अप्रैल को एक साथ 465 मरीज़ सामने आये है। इतनी बड़ी संख्या में एक साथ आये मरीजों के कारणों का विश्लेषण किया गया है। पता चला है कि तालाब के घाटों में भीड़-भाड़ एवं यहां गुड़ाखू सेवन कर थूकने तथा इनका अत्यधिक उपयोग भी एक कारण हो सकता है। लिहाजा कलेक्टर ने गंभीर संक्रमण के खत्म होते तक तालाब घाटों में गुड़ाखू सेवन नहीं करने और तालाबों का कम से कम इस्तेमाल करने की अपील की है।

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उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग-बाग पचरी घाटों पर इत्मीनान से बैठकर गुड़ाखू घीसते रहते देखे गए हैं। इस दौरान बातें करते हुए इर्द-गिर्द बार-बार थूकते पाए गए हैं। थूकने के दौरान यदि व्यक्ति कोरोना संक्रमित हों तो कोरोना युक्त लार की बूंदे आसपास व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं।सामान्य तौर पर किसी को मालूम नहीं रहता कि उनके आस-पास भी कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति मौजूद है।

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उन्होंने कहा कि तालाब में निस्तारी के लिए जाना जरूरी हुआ तो सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाये। गुड़ाखू का सेवन न करें। एक ही पचरी घाट का उपयोग न करके उपलब्ध सभी घाटों का समान रूप से इस्तेमाल करें। ग्रामीणजन आपसी सहमति बनाकर अलग-अलग समय में निस्तारी के लिए तालाब का उपयोग कर सकते हैं।