रायपुर-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में मछली पालन को खेती का दर्जा देने की पहल करेगी। राज्य सरकार ने इसके लिए योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती-किसानी की तरह मछली पालन के लिए कोऑपरेटिव बैंक से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने और किसानों को दी जाने वाली बिजली दरों में छूट की भांति मछली पालन करने वाले निषाद, केंवट और ढीमर समाज के लोगों को भी छूट की पहल की जाएगी।
मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में विश्व मत्स्य दिवस के मौके पर आयोजित छत्तीसगढ़ मछुआरा समाज के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। केंवट समाज वैज्ञानिक पद्धति से मछली पालन करे और उत्पादित मछली के विक्रय का अच्छा प्रबंधन करे तो न सिर्फ मछुआरों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, साथ ही छत्तीसगढ़ धान की खेती की तरह मछली उत्पादन में भी देश में प्रथम स्थान पर होगा।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीप प्रज्जवलन के बाद निषाद, केंवट समाज के आराध्य भगवान श्री राम सहित नाव, डोंगी एवं जाल का पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद, शकुंतला साहू और विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ राज्य मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एम.आर. निषाद, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।
सीएम बघेल ने इस अवसर पर 15 मछुआरों को मोटरसायकल सह आईस बॉक्स तथा 2 मछुआरों को ऑटो सह आईस बॉक्स का वितरण किया। उन्होंने इस मौके पर 10 मछुआ हितग्राहियों को मछुआ आवास योजना के अंतर्गत प्रथम किश्त की 40-40 हजार रूपए की प्रथम किश्त अनुदान राशि का चेक भी वितरित किया।
कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे व् गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कार्यक्रम को भी सम्बोधित किया संचालक मछली पालन व्ही.के. शुक्ला ने कार्यक्रम के अंत में अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर मछुआरा समाज के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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