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रेलवे ने सुरक्षित सफर करने के लिए ‘कोरोना काल के बाद का बनाया विशेष कोच’

रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला ने कोविड-19 से लड़ने के लिए एक ‘पोस्ट कोविड कोच’ डिजाइन किया

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फ़ाइल् फोटो

दिल्ली-भारतीय रेलवे ने कोविड-19 वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठाने के साथ-साथ अनेक  उपाय किए हैं। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को बड़े जोर-शोर से निरंतर जारी रखते हुए भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाई रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला Rail Coach Factory Kapurthala ने एक ‘पोस्ट कोविड कोच’ ‘Post Covid Coach’विकसित किया है। ‘कोरोना काल के बाद के इस विशेष कोच’ की डिजाइनिंग को बेहतरीन करते हुए कोविड मुक्त यात्री सफर के लिए कोच में हैंड्सफ्री सुविधाओं, कॉपर कोटिंग युक्‍त रेलिंग व चिटकनी और प्लाज्मा एयर प्यूरीफायर के अलावा टाइटेनियम डाई-ऑक्साइड कोटिंग भी की गई है।

हैंड्सफ्री सुविधाएं: ‘पोस्ट कोविड कोच’ में अनेक हैंड्सफ्री सुविधाएं हैं जैसे कि पैर से संचालित पानी का नल एवं साबुन निकालने की मशीन, पैर से संचालित शौचालय द्वार (बाहर), पैर से संचालित फ्लश वाल्व, पैर से संचालित शौचालय के दरवाजे की चिटकनी, टॉयलेट के बाहर स्थित वॉश बेसिन में पैर से संचालित पानी का नल एवं साबुन निकालने की मशीन और डिब्बे के दरवाजे पर बांह से संचालित हैंडल। मतलब यह कि इनमें से किसी को भी हाथ से छूने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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कॉपर कोटिंग युक्‍त रेलिंग व चिटकनी: ‘पोस्ट कोविड कोच’ में ‘Post Covid Coach’कॉपर कोटिंग युक्‍त रेलिंग व चिटकनियां लगाई गई हैं क्‍योंकि कॉपर के संपर्क में आने वाला वायरस कुछ ही घंटों में निष्क्रि‍य हो जाता है। कॉपर में सूक्ष्मजीव-रोधी गुण होते हैं। जब कॉपर की सतह पर वायरस आता है तो आयन रोगाणु को जोर का झटका देता है और वायरस के अंदर स्थित डीएनए एवं आरएनए को नष्ट कर देता है।

प्लाज्मा एयर प्यूरीफायर: ‘पोस्ट कोविड कोच’ ‘Post Covid Coach’में एसी नली या पाइप में प्लाज्मा एयर उपकरण लगा होता है। यह प्लाज्मा एयर उपकरण आयन युक्‍त वायु का उपयोग करके एसी कोच के अंदर की हवा और सतहों को जीवाणुरहित कर देगा और इस तरह से कोच या डिब्‍बे को कोविड-19 एवं सूक्ष्‍म कोण-रोधी बना देगा। यही नहीं, इस सुविधा से आयन सांद्रता 100 आयन/घन सेंटीमीटर से बढ़कर 6000 से अधिक आयन/घन सेंटीमीटर हो जाएगी।

टाइटेनियम डाई-ऑक्साइड कोटिंग: ‘पोस्ट कोविड कोच’ ‘Post Covid Coach’में टाइटेनियम डाई-ऑक्साइड कोटिंग की सुविधा है। नैनो संरचना वाली टाइटेनियम डाई-ऑक्साइड कोटिंग दरअसल फोटोएक्टिव (प्रकाश द्वारा सहज प्रभावित) सामग्री के रूप में कार्य करती है। यह एक पर्यावरण अनुकूल जल-आधारित कोटिंग है जो वायरस, बैक्टीरिया, फफूंदी एवं फंगस को नष्‍ट कर इन्‍हें पनपने नहीं देती है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह अंदर की हवा को बेहतर बना देती है।

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यह जहरीली नहीं है, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा अनुमोदित एवं सीई प्रमाणित है। टाइटेनियम डाई-ऑक्साइड को एक सुरक्षित पदार्थ माना जाता है और यह मनुष्य के लिए हानिरहित है। यह टाइटेनियम डाई-ऑक्साइड कोटिंग वॉश बेसिन, शौचालय, सीटों एवं बर्थ, स्नैक टेबल, ग्लास विंडो, फ्लोर सहित हर उस सतह पर की गई है जहां लोगों का हाथ लग जाता है। यह कोटिंग 12 माह तक प्रभावकारी या कारगर रहती है।

 

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