दिल्ली-गृह मंत्रालय (home Ministry)ने केन्द्रीय उच्च शिक्षा सचिव को लिखा पत्र, विश्वविद्यालयों और संस्थानों को मिली परीक्षाएँ आयोजित करने की अनुमति. यूजीसी और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशो(Guidelines) का रखना होगा ध्यान.
गृह मंत्रालय ने केन्द्रीय उच्च शिक्षा सचिव (Central Higher Education Secretary)को एक पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा परीक्षाएँ आयोजित (Conducted examinations) करने की अनुमति दे दी है। परीक्षाओ के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशानिर्देशों के अनुसार और विश्वविद्यालयों के लिए शैक्षणिक कैलेंडर (Academic calendar)के साथ ही केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार अंतिम सत्र (Final Term) की परीक्षाएँ आयोजित करना अनिवार्य है।
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75 करोड़ डॉलर के करार पर हस्ताक्षर
सरकार और वर्ल्ड बैंक ने आज सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग आपात प्रतिक्रिया योजना के लिए 75 करोड़ डॉलर के करार पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य कोविड-19 संकट से प्रभावित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों-एमएसएमई के हाथ में वित्त का प्रवाह बढ़ाने में समर्थन देना है। वर्ल्ड बैंक(World bank) के इस कार्यक्रम के अंतर्गत इस श्रेणी के लगभग 15 लाख उद्योगों को त्वरित रूप से तरलता और ऋण प्रदान (Liquidity and credit delivery) किया जाएगा, ताकि वे मौजूदा संकट के बावजूद अपना कार्य करते रहें और उनके द्वारा उपलब्ध लाखों रोजगार सुरक्षित रहें। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने एक बयान में कहा कि आने वाले समय में एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए व्यापक सुधारों की दिशा में उठाए गये शुरूआती कदमों में ये एक अहम कदम है।
इस करार पर वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) में अतिरिक्त सचिव समीर कुमार खरे ने सरकार की तरफ से और कन्ट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने वर्ल्ड बैंक की तरफ से हस्ताक्षर किए। सचिव खरे ने कहा कि कोविड-19 महामारी का एमएसएमई क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। जिससे आजीविकाओं और रोजगार का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों (Non banking financial companies)और बैंकों को लक्षित गारंटी उपलब्ध कराने में सरकार को समर्थन मिलेगा, ताकि इस संकट के दौरान व्यापार करने योग्य एमएसएमई कम्पनियों को अपनी वित्तीय ज़रूरतों के लिए ऋण प्राप्त होता रहे।
डायरेक्टर अहमद ने कहा कि कोविड-19 के बाद भारत की वृद्धि और रोजगार सृजन (Employment generation)और आर्थिक विकास की गति बनाए रखने के लिए एमएसएमई क्षेत्र की भूमिका अहम होगी। उन्होंने कहा कि ये जरूरी है कि सरकार द्वारा आर्थिक प्रणाली (economic system)में डाली जा रही तरलता त्वरित रूप से सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए उपलब्ध हो।
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