कोविड -19 मरीज़ों के ईलाज और मृतकों के शवों को सम्मानजनक तौर पर रखने के मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट अगले बुधवार को करेगा सुनवाई।
कोर्ट ने इन सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से कोविड से मरीज़ों के ईलाज और अन्य इंतज़ामों का जायज़ा लेकर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। अदालत ने दिल्ली के हालात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गृह मंत्रालय की गाईडलाईन का पालन नहीं हो रहा है। अस्पताल कोविड मृतकों के शवों को सम्मानजनक स्थिति में नहीं रख रहे हैं। कई मामलों में मृतक के परिवार को सूचना तक नहीं दी गई और कुछ मामलों में परिजन मृतक का ठीक तरीके से अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाए।
देश में कोविड-19 से मृतकों की संख्या 507 हुई, संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 15,712 हुई
अब तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 87 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक आए छत्तीसगढ़
नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अन्य राज्यों से अब तक 3 लाख 13 हजार छत्तीसगढ़ के श्रमिक तथा अन्य लोग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर सुरक्षित वापस लौट चुके हैं।
इसी तरह अब तक 64 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 87 हजार 171 श्रमिकों को सकुशल वापस गृह राज्य लाया गया। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा अन्य प्रदेशों से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए अब तक लगभग 3 करोड़ 95 लाख रूपए रेल मण्डलों को और बसों के लिए लगभग 15 लाख रूपए इस तरह कुल 3 करोड़ 97 लाख 88 हजार 490 रूपए की राशि खर्च की गई है।
डॉ. डहरिया ने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर श्रमिकों के लिए राशन एवं नगद आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश के 39 करोड़ 17 लाख 54 हजार रूपए बकाया वेतन का भुगतान भी कराया गया है। वहीं लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में 1448 छोटे-बड़े कारखानों को पुनः प्रारंभ कर लगभग 1 लाख 7 हजार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
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