केंद्र सरकार ने आज 960 विदेशी नागरिकों के भारत यात्रा करने पर दस साल के लिए प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें काली सूची में डाल दिया है। काली सूची में डाले गये ये विदेशी नागरिक तब्लीगी जमात की गतिविधियों में शामिल हुए थे।
विभिन्न राज्य सरकारों से देश में कई मस्जिदों और धार्मिक संस्थाओं में अवैध रूप से ठहरे विदेशी नागरिकों के बारे में ब्यौरा मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रतिबंध लगाकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की।
कंटेंटमेंट जोन घोषित मेडिकल के अतिरिक्त अन्य कारणों से बाहर निकलना प्रतिबंधित-
यह शायद पहला मौका है जब केंद्र सरकार ने एक साथ इतनी बडी संख्या में विदेशियों को प्रतिबंधित किया है और विदेशियों से संबंधित कानून के तहत इतनी लम्बी अवधि के लिए उनके बाहर से आने पर रोक लगाई गई है। इससे पहले, इस वर्ष अप्रैल में सरकार ने तब्लीगी जमात की गतिविधियों में शामिल कुछ विदेशी नागरिकों को काली सूची में डालकर उनका वीजा रद्द कर दिया था।
सरकार ने इस बात का पहले ही फैसला कर लिया है कि ऐसे किसी भी विदेशी को पर्यटक वीजा नहीं दिया जाएगा जो भारत की यात्रा करना चाहता है और तब्लीगी जमात की गतिविधियों में भी भाग लेना चाहता है।
भारत आने के इच्छुक विदेशी नागरिकों को अनुमति देने का फैसला
सरकार ने भारत आने के इच्छुक विदेशी नागरिकों को अनुमति देने का फैसला किया है। इनमें कारोबारी, पेशेवर लोग, शोधार्थी, स्वास्थ्य देखभाल संबंधी विशेषज्ञ और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं।
सरकार ने निश्चित श्रेणियों के विदेशी नागरिकों के लिए वीजा और यात्रा प्रतिबंधों में छूट संबंधी मामले पर विचार किया और उन्हें अनुमति देने का फैसला किया। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इन विदेशी नागरिकों को भारतीय दूतावासों से नया बिजनस वीजा या रोजगार वीजा लेना होगा।
खेलों के लिए भारतीय दूतावासों से जारी बी-थ्री वीजा को छोड़कर, वैध दीर्घावधि मल्टीपल एंट्री कारोबारी वीजाधारक विदेशी नागरिकों को इलैक्ट्रोनिक माध्यम से बिजनस वीजा लेना होगा। यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसे विदेशी नागरिकों को पहले प्राप्त किये गये किसी इलैक्ट्रोनिक वीजा के आधार पर भारत यात्रा की अनुमति नहीं दी जायेगी।
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