बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की अहम बैठक में सरकार ने ग्रामीण भारत को मजबूत करने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए। इन फैसलों से न केवल किसानों को बड़ा फायदा होगा बल्कि कृषि क्षेत्र की सूरत बदल जाएगी।सरकार ने किसानों की 50 साल पुरानी मांग को पूरा करते हुए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन का फैसला किया है।
यह कृषि क्षेत्र में बदलाव और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। कैबिनेट ने कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को भी मंजूरी दी है। साथ ही कैबिनेट ने ‘मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020’ को स्वीकृति दे दी है।
सरकार के इन फैसलों से आवश्यक वस्तु की सूची से अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू जैसी तमाम वस्तुएं और कृषि उत्पादों को बाहर किया गया है। इससे किसान एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर मार्केट कमेटी के बंधन से मुक्त हो जाएगा। किसान को न केवल अपनी फसल की अच्छी कीमत मिलेगी बल्कि वो उत्पादों का अपने मुताबिक भंडारण कर सकेंगे। अब किसान अपनी मर्जी से अपनी फसल को बाजार में बेच सकेगा।
किसान कृषि उत्पादों को अब देश के किसी भी बाज़ार में बेच सकेगा तो साथ ही उसे सीधे निर्यातकों को बेचने की भी अनुमति मिल गयी है। इससे वन नेशन वन मार्केट की सरकार की नीति को भी बढावा मिलेगा।किसान प्रत्यक्ष रूप से विपणन से जुड़ सकेंगे, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा।
इन फैसलों से कृषि क्षेत्र में निजी और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी बढ़ेगा। इससे कोल्ड स्टोरेज में निवेश बढ़ाने और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला यानी सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।सरकार ने नियमों मे बदलाव करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित की है। अब अकाल या युद्ध और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में इन कृषि उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है।
कैबिनेट ने हर मंत्रालय में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल बनामे का एलान किया है। ये सेल मंत्रालय में आने वाले प्रोजेक्ट से जुड़ी तमाम दिक्कतों को दूर करेगा।ये सेल वित्त से लेकर भूमि अधिग्रहण तक में आने वाली पेचीदगियों की राह आसान करेगा। कैबिनेट ने दवाओं के मानकीकरण को सुनिश्चित करने के लिए फार्माकोपिया कमीशन की स्थापना का निर्णय लिया है। इसके साथ ही कोलकाता पोर्ट का नाम बदलकर अब अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह कर दिया गया है.
सरकार का कहना है कि उसने ग्रामीण भारत और किसानों के लिए पहले ही तमाम अहम फैसले लिए हैं और ये फैसले उसी की अगली कड़ी हैं।कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों में लगे लोगों को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के तौर पर कई कदमों की घोषणा भी की गयी है। सरकार के मुताबिक किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि से एकमुश्त 75000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
यही नहीं लॉकडाउन की अवधि में 18,517 करोड़ रुपये की राशि अब-तक वितरित की जा चुकी है।पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत किए गए कुल 6003.6 करोड़ रुपये के बराबर दावों को लॉकडाउन की अवधि में अदा किया जा चुका है। यानी किसानों को न केवल नए कर्ज दिए जा रहे हैं बल्कि उनकी सिंचाई , खाद, फसल बीमा और सामाजिक सुरक्षा का भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है।
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