अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जून में व्हाइट हाउस में होने वाले जी-7 के शिखर सम्मेलन को शनिवार को टालने की घोषणा करते हुए विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्था वाले देशों को इस समूह शामिल करने की मांग की। जी-7 दुनिया की सबसे बड़ी और संपन्न अर्थव्यवस्थाओं वाले सात देशों का मंच है. इसमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा शामिल हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जी-7 को पुराना बताते हुए जून में व्हाइट हाउस में होने वाले इसके शिखर सम्मेलन को टालने की घोषणा की और विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के इस समूह में भारत और कुछ अन्य देशों को शामिल करने की मांग की। ट्रम्प ने फ्लोरिडा से वाशिंगटन डीसी जाते हुए एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों को बताया कि वह इसे सितंबर तक स्थगित कर रहे हैं और इसमें रूस, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत को शामिल किए जाने की योजना है।
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उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि जी-7 के तौर पर यह दुनिया में जो चल रहा है उसका उचित तरीके से प्रतिनिधित्व करता है। यह देशों का बहुत पुराना समूह है। व्हाइट हाउस की सामरिक संचार की निदेशक एलिसा अलेक्जेंड्रा फराह ने कहा कि यह हमारे पारंपरिक सहयोगियों को एक साथ लाना है और चर्चा करनी है कि चीन के साथ भविष्य में कैसे निपटा जाए।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल के कार्यालय ने शनिवार को कहा कि जब तक कोरोना वायरस का प्रकोप जारी रहता है तब तक वह शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगी। जी-7 दुनिया की सबसे बड़ी और संपन्न अर्थव्यवस्थाओं वाले सात देशों का मंच है। इसमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा शामिल हैं। इन देशों के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और मुद्रा के मुद्दों पर हर साल बैठक करते हैं।
इस साल जी-7 की अध्यक्षता अमेरिका के पास है। शिखर सम्मेलन के दौरान जी7 अध्यक्ष आम तौर पर किसी एक या दो देशों के प्रमुख को विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित करते हैं। पिछले साल फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था।
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