मिजोरम के एक युवक ने देश में लॉकडाउन के दौरान अपने कार्यों से साहसी गाथा लिखी है। इस युवक ने अपने मित्र विवियन लालरेमसंगा के पार्थिव शरीर को एम्बुलेंस में लेकर सड़क मार्ग से चैन्नई से आइजोल तक 3 हजार किलोमीटर की दूरी तय की है। 28 वर्षीय विवियन का पिछले सप्ताह चैन्नई में दिल का दौरा पड़ने से असामयिक निधन हो गया था।
चैन्नई स्थित मिजो वेलफेयर उसके पार्थिव शरीर को गृह नगर पहुंचाने के लिए सभी प्रयास कर रहा था लेकिन लॉकडाउन और सभी घरेलू उड़ानों के स्थगित होने के कारण ऐसा कर पाने में असमर्थ था।
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इसके बाद मृतक विवियन के मित्र राफेल मालछानहिमा ने पार्थिव शरीर के साथ एंबुलेंस टीम को लेकर यात्रा शुरू की। अनेक लोगों का कहना है कि उसकी यह यात्रा एंबुलेंस से तय की गई अब तक की सबसे लंबी दूरी का रिकोर्ड बनायेगी। यह एंबुलेंस आज सुबह मिजोरम पहुंची। आइजोल तक के रास्ते में सभी शहरों और गांवों में उनके इंतजार में घंटों खड़े लोगों ने मृतक को श्रद्धांजलि दी और एंबुलेंस टीम के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के साथ उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध कराय़ा।
मृतक विवियन के अंतिम संस्कार के लिए यह एंबुलेंस आज दोपहर बाद उसके गृह नगर आइजोल पहुंची। दूसरी तरफ अधिकारियों का कहना था कि मृतक के मित्र राफेल के आइजोल पहुंचने पर उसे अनिवार्य रूप से 14 दिन तक क्वारंटीन में रहना होगा।
हालांकि दूसरों के लिए त्याग करना और वीरतापूर्ण कार्य करना मिजो लोगों की नैतिकता में शामिल है लेकिन राफेल ने कोविड महामारी के दौरान देश भर में भय के माहौल के बीच अपने कार्य से जो उदाहरण प्रस्तुत किया है वह बहुत कम देखने में आता है और वाकई प्रेरणादायक है।
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