भारतीय खाद्य निगम-एफसीआई ने लॉकडाउन के दौरान सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 37 लाख 40 हजार टन अनाज पहुंचाया।
एफसीआई लॉकडाउन की अवधि में एक लाख 70 हजार टन अनाज एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचा रहा है। सामान्य रूप से एफसीआई औसतन लगभग 80 हजार टन अनाज प्रतिदिन देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाता है।लॉकडाउन अवधि के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों की जरूरत पूरी करने के लिए 33 लाख 40 हजार टन अनाज राज्यों में दिया गया। इसके अलावा राज्यों को यह विकल्प भी दिया गया है कि वे नीलामी में भाग लिये बगैर एफसीआई से साढे 22 रुपये प्रति किलो के हिसाब से चावल खरीद सकते हैं।
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फीस के भुगतान का दबाव न बनाए, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन जारी करें-शिक्षण संस्थानों को निर्देश
सरकार ने आज कॉलेजों और संस्थानों को निर्देश दिया कि लॉकडाउन समाप्त होने और सामान्य स्थिति बहाल होने तक फीस के भुगतान का दबाव न बनाया जाए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रतिनिधि ने बताया कि एआईसीटीई के संज्ञान में आया है कि कुछ संस्थान विद्यार्थियों पर लॉकडाउन के दौरान प्रवेश शुल्क सहित फीस का भुगतान करने के लिए दबाव बना रहे हैं। मंत्रालय ने सभी कॉलेजों और संस्थानों को निर्देश दिया है कि अपनी वेबसाइट पर यह सूचना प्रदर्शित करें तथा ईमेल के जरिए विद्यार्थियों को भी यह जानकारी दें।
शिक्षकों के वेतन के भुगतान के मुद्दे पर मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन के दौरान शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन और अन्य भत्ते जारी किए जाएं। इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित मुख्य सचिवों को पत्र लिखा गया है कि कॉलेजों और संस्थानों की फीस की क्षतिपूर्ति की जाए।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि चालू सेमेस्टर के लिए आनलाइन कक्षाएं लॉकडाउन की बढ़ी हुई अवधि के दौरान जारी रहेंगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और एआईसीटीई संशोधित शैक्षिक कैलेंडर जारी करेंगे। सभी कॉलेजों और संस्थानों को इन निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि निर्देशों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
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