कोरोना वायरस संक्रमण के कारण वस्तुओं के आयात प्रभावित होने के साथ ही घरेलू स्तर पर लॉकडाउन के कारण मार्च 2020 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व संग्रह अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका और 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान संग्रहित राजस्व की तुलना में मात्र 26519 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की जा सकी।साल 2019-20 में घरेलू कारोबार के जरिए होने वाले जीएसटी कलेक्शन में 8 फीसदी की बढोत्तरी दर्ज की गई जबकि आयात से होने वाले जीएसटी कलेक्शन में 8 फीसदी की कमी आई। इस वजह से कुल जीएसटी कलेक्शन बीते साल के मुकाबले केवल 4 फीसदी ही बढ पाया। इस वर्ष मार्च में कुल जीएसटी राजस्व संग्रह 97,597 करोड़ रुपए रहा, जबकि पिछले वर्ष मार्च में यह राशि 1,06,577 करोड़ रुपए रही थी।
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इस साल 6 महीने ऐसे रहे जब जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ से ज्यादा रहा जबकि बाकी 6 माह में ये 1 लाख करोड़ से कम रहा है। कोविड19 से लड़ने में राज्यों का सहयोग करने के लिए केन्द्र ने स्टेट जीएसटी के 24915 करोड राज्यों को ट्रांसफर कर दिए हैं जबकि 6000 करोड की विवादित राशि को फिलहाल केन्द्र और राज्यों में आधा-आधा बांटने का फैसला लिया गया है।सरकार ने वर्ष 2019-20 में औसतन हर महीने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का जीएसटी राजस्व संग्रह का लक्ष्य रखा था लेकिन मात्र छह महीने ही इस लक्ष्य को हासिल किया जा सका। लक्ष्य हासिल नहीं होने के मद्देनजर सरकार ने जनवरी मार्च तिमाही में हर महीने एक लाख 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह का लक्ष्य दोबारा निर्धारित किया जिसे जनवरी 2020 में तो हासिल कर लिया गया।
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