वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा – भारत के मौद्रिक नीति निर्णयों ने बाजार को फिर से सक्रिय करने तथा अर्थव्यवस्था में ऋणों के प्रवाह को सुगम करने में मदद की।भारत ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्थाई उपायों से सूक्ष्म आर्थिक स्थिरता बनाए रखते हुए लोगों के जीवन और उऩकी आजीविका सुरक्षित करने में जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की भूमिका पर जोर दिया है।
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जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की दूसरी बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कमजोर वर्ग के लोगों को समय पर सहायता देने में भारत सरकार के उपायों को साझा किया।उन्होंने कहा कि भारत ने दो सप्ताह में 32 करोड़ से अधिक लोगों को लगभग तीन दशमलव नौ अरब डॉलर की राशि वित्तीय सहायता के रूप में वितरित की है। वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों से कहा कि भारत को वित्तीय समावेशन के दूरदर्शी उपायों का अब फायदा हो रहा है जो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किये गये सुधार उपायों का हिस्सा हैं।
वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि भारत सरकार, रिजर्व बैंक और अन्य एजेंसियों दवारा शुरू किये मौद्रिक नीति उपायों से आर्थिक गतिविधियां शुरू करने में मदद मिली है।उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने में जी-20 देशों की योजना लघु और मध्यम अवधि में सदस्य देशों की व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के लिए मार्गदर्शन करेगी। कार्य योजना के उद्देश्य जीवन की रक्षा करना, लोगों के रोजगार और आय को सुरक्षित करना विश्वास बहाल करना, वित्तीय स्थिरता बनाए रखना है।
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