महासमुंद। विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री द्वारा 200 यूनिट तक हाफ बिजली बिल देने की घोषणा कांग्रेस के दबाव में लिया गया निर्णय है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार के पिछले कार्यकाल में उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक हाफ बिजली का लाभ मिलता था, जिसे भाजपा सरकार ने घटाकर मात्र 100 यूनिट कर दिया। इसी वजह से कई महीनों तक बढ़े हुए बिजली बिलों ने आम नागरिकों की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर डाला है। उक्त बाते पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने जारी विज्ञप्ति में कहा है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस लगातार 400 यूनिट हाफ बिजली योजना को पुनः लागू करने की मांग कर रही थी। जनता में बढ़ते असंतोष और गरीबों की नाराजगी से घबराकर सरकार ने सीमित रूप से 200 यूनिट तक राहत देने की घोषणा की है, जो अपर्याप्त है।
200 यूनिट तक हाफ बिजली बिल देने की घोषणा लिया गया कांग्रेस के दबाव में
श्री चंद्राकर ने आरोप लगाया कि कोयले पर सेस हटने तथा उसके दाम कम होने के बावजूद बिजली दरों में कटौती न करना सरकार की मनमानी और उद्योगपतियों से मिलीभगत को दर्शाता है। उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने पिछले दो वर्षों में चार बार बिजली दरें बढ़ाईं, जबकि छत्तीसगढ़ देश के प्रमुख बिजली उत्पादक राज्यों में से एक है और यहां का कोयला कई राज्यों को ऊर्जा प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल सरकार की हाफ बिजली योजना से जनता को बड़ी राहत मिलती थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस योजना को समाप्त कर लोगों पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया। नतीजतन 300–400 रुपये का बिल भरने वाले उपभोक्ताओं को 1000–1200 रुपये तक बिल आने लगे, जिससे घर का बजट अस्त-व्यस्त हो गया।
पूर्व विधायक चंद्राकर ने मांग की कि जनता को वास्तविक राहत देने के लिए सरकार को तुरंत 400 यूनिट तक की हाफ बिजली योजना फिर से लागू करनी चाहिए।
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