छात्रों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता लाने के लिए प्रत्येक स्कूल के दो शिक्षकों को स्वास्थ्य और आरोग्य दूत बनाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, मानव संसाधन विकासमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज नई दिल्ली में आयुष्मान भारत के तहत स्कूल में स्वास्थ्य और आरोग्य दूत कार्यक्रम की शुरूआत की। प्रारंभ में इसे दो सौ जिलों में शुरू किया जाएगा।इस अवसर पर मंत्री पोखरियाल ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान बढ़ाना नहीं बल्कि व्यवहार में परिवर्तन लाना है जिससे अच्छे स्वास्थ्य के बारे में जागरुकता पैदा होती है।
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उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों के लिए सर्वोत्तम प्रेरणास्रोत होते हैं और अब वे स्वास्थ्य और आरोग्य के दूत के रूप में भी काम करेंगे।मंत्री पोखरियाल ने कहा कि इस योजना को पहले चरण में चयनित जिलों के सभी उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में लागू किया जाएगा।डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि आयुष्मान भारत के अंतर्गत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम से स्कूल जाने वाले छात्रों के विकास और शैक्षिक क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को फिट इंडिया अभियान, ईट राइट अभियान और पोषण अभियान जैसे कार्यक्रमों से प्रभावी ढ़ंग से जोड़ा जाएगा, जिससे स्कूली छात्रों के स्वास्थ्य का समग्र विकास सुनिश्चित होगा। इससे सबके लिए स्वास्थ्य की कल्पना भी साकार होगी।
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