रायपुर-खाद्य एवं औषधि प्रशासन छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश के सभी फल विक्रेताओं को स्टीकर लगे हुए फल नहीं बेचने की अपील की है। साथ ही आम जनता से भी स्टीकर लगे हुए फल नहीं खरीदने की अपील की है। कोई भी खाद्य कारोबारी असुरक्षित खाद्य का संग्रह, वितरण और विक्रय करते पाया जाएगा तो उनके विरूद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 59 की तहत कारावास एवं जुर्माने कार्रवाई की जाएगी।
नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन छत्तीसगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाजार में बिकने वाले सेब, आम, संतरा, अमरूद, केला, सीताफल, नाशपाती आदि फलों में स्टीकर चिपके होते हैं। अधिकांश व्यापारी फल के ऊपर स्टीकर का इस्तेमाल प्रीमियम दिखाने या कई बार फलों के खराब हिस्सों की खामियां छुपाने के लिए करते हैं। फलों पर जो स्टीकर चिपके होते है उन पर व्यापारी की ब्राण्ड के नाम, ओके टेस्टेड, बेस्ट क्वालिटी या फल का नाम लिखा होता है। फल विक्रेता फलों में स्टीकरों का इस्तेमाल उत्पाद को प्रीमियम दर्जे का दिखाने के लिए करते है।
फलों के ऊपर लगे स्टीकर में कैमिकल होता है और कैमिकल की वजह से फल दूषित हो जाता है। स्टीकर के गोंद में खतरनाक कैमिकल होते है, जो मानव के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत खाद्य कारोबारी असुरक्षित खाद्य का संग्रह, वितरण, विक्रय नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़ी-गली फलों एवं सब्जियों का विक्रय नहीं करेगा। फल एवं सब्जियों में मोम, खनिज तेल, रंगों का आलेपन भी नहीं करेगा और फलों को कार्बाइट के रूप में सामान्य रूप से ज्ञात एसीटिलिन गैस का प्रयोग करके कृत्रिम रूप से पका कर विक्रय नहीं करेगा।