सामुदायिक निगरानी व कोरोना संक्रमण के स्रोत का पता लगाने पर स्वास्थ्य मंत्री का ज़ोर

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉक्‍टर हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिए राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के महानिदेशकों और राज्‍यों के वरिष्‍ठ निगरानी अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया. कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन की स्थिति की समीक्षा करते हुए डॉक्‍टर हर्षवर्धन ने सामुदायिक निगरानी और संक्रमण के स्रोत का पता लगाने की आवश्‍यकता पर ज़ोर दिया.उन्‍होंने कहा कि जो लोग अपने घर पर या किसी स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में क्‍वोरेंटीन में हैं, उन पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए और सामाजिक दूरी बनाए रखने तथा व्‍यक्तिगत साफ-सफाई के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्‍चों का विशेष ध्‍यान रखा जाना चाहिए. डॉक्‍टर हर्षवर्धन ने नागरिकों से सरकारी अधिकारियों के साथ सहयोग करने की भी अपील की.

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स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने यह भी बताया कि अब तक कुल 1 लाख 87 हजार लोग निगरानी में रखे गए हैं और इनमें से 35 हजार से अधिक ने 28 दिन की निगरानी अवधि पूरी कर ली है. अब तक जांच किए गए करीब 13 हजार नमूनों में से 2 हजार 23 का राष्‍ट्रीय संचारी रोग केंद्र में परीक्षण किया है. इनमें से 52 मामलों में कोविड-19 के संक्रमण की पुष्टि हुई है.स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने राष्‍ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र का भी दौरा किया और वहां के रोग नियंत्रण कक्ष तथा प्रयोगशालाओं का जायजा लिया. उन्‍होंने कोरोना वायरस से उत्‍पन्‍न स्थिति की नियंत्रण केंद्र के निदेशक एसके सिंह और वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा की. स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र बीमारी की जांच-पडताल करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

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