दिल्ली- भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र/क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली ने कहा है कि समुद्र तल पर मॉनसून गर्त का पश्चिमी छोर अपनी सामान्य स्थिति के निकट है जबकि पूर्वी छोर अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में और समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर है। उत्तरी छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में एक चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 3.1 किमी और 4.5 किमी ऊपर स्थित है।
इसके प्रभाव में, अगले 5 दिनों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ जगहों पर भारी वर्षा के साथ व्यापक तौर पर वर्षा होने की संभावना है। इसी प्रकार 2और 3 जुलाई, 2020 को पूर्वी उत्तर प्रदेश और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम में कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
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अगले 3 दिनों के दौरान मध्य और उससे सटे पूर्वी भारत में छिटपुट से व्यापक वर्षा होने की संभावना है और इसके बाद उसकी तीव्रता और वितरण में वृद्धि होगी। अगले 3 दिनों के दौरान मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने और उसके बाद भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। अगले 5 दिनों के दौरान छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। इसी प्रकार 1 से 4 जुलाई 2020 तक बिहार एवं विदर्भ में और 2 से 4 जुलाई 2020 तक ओडिशा में अलग-थलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
अगले 5 दिनों के दौरान पश्चिमी तट और इसके आसपास के क्षेत्रों में व्यापक तौर पर वर्षा संबंधी गतिविधि जारी रहने की संभावना है। अगले 5 दिनों के दौरान कोंकण और गोवा में भी कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। अगले 3 दिनों के दौरान तटीय कर्नाटक में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा और उसके बाद अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। अगले 5 दिनों के दौरान केरल में भारी वर्षा होने की संभावना है।
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और इससे सटे उत्तर पश्चिमी भारत में अगले 3 दिनों के दौरान छिटपुट वर्षा जारी रहने की संभावना है। उसके बाद वर्षा के वितरण और तीव्रता में वृद्धि होने की संभावना है।
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