नई दिल्ली-राजस्थान का कोटा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है, क्योंकि नए साल में 3 और बच्चों की मौत हो चुकी है, यानी अब ये आंकड़ा 100 तक पहुंच गया है। इस बीच केंद्र का एक उच्च स्तरीय दल कोटा पहुंचा तो बीजेपी की ओर से महिला सांसदों के एक संसदीय दल ने अस्पताल का दौरा कर हालत पर चिंता जतायी है। लेकिन बुनियादी बात ये है कि स्वास्थ्य सेवाएं लगातार सवालों के घेरे में हैं।
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राजस्थान में कोटा शहर के जेके लोन अस्पताल में मासूम बच्चों की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। दिसबर माह में यहां बच्चों की मौत का आंकड़ा जहां 100 तक पहुंच गया वहीं नए साल में भी अस्पताल में अब तक 3 बच्चों की मौतें हो चुकी हैं। भर्ती बच्चों के परिजनों ने शुक्रवार को अस्पताल में जमकर हंगामा किया। लोगों का आरोप है कि अस्पताल में सुविधाओं का अभाव है।
शुक्रवार को केन्द्र सरकार के विशेषज्ञों का एक उच्चस्तरीय दल कोटा पहुंचा और अस्पताल में जाकर सुविधाओं का हाल जाना। केन्द्र ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राजस्थान सरकार को अतिरिक्त मदद का आश्वासन पहले ही दिया है।
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इस बीच इस मसले पर तमाम दलों के निशाने पर गहलोत सरकार है जबकि राजस्थान सरकार बचाव की मुद्रा में है और उसका कहना है कि वो सभी जरुरी कदम उठा रही है।
मंगलवार को बीजेपी की ओर से महिला सांसदों के एक संसदीय दल ने अस्पताल का दौरा कर हालत पर चिंता जतायी थी। इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य की कांग्रेस सरकार को नोटिस जारी किया था।
राजस्थान सरकार की कमेटी ने भी जांच के दौरान पाया कि अस्पताल में कुछ गडबडियां हैं। अस्पताल में पिछले साल कुल 963 बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा था और दिसंबर महीने में मौत का आंकड़ा अचानक बढ़ने के बाद अस्पताल सुर्खियों में है।
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