राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि फर्जी ख़बरें समाचार जगत में नए खतरे के रूप में उभरी हैं। इसे प्रचारित करने वाले स्वयं के पत्रकार होने का दावा करते हैं और इस जिम्मेदार पेशे को बदनाम करते हैं। सोमवार 20 जनवरी को नई दिल्ली में रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि ब्रेकिंग न्यूज़ का मौजूदा चलन पत्रकारिता में संयम और दायित्व के बुनियादी सिद्धांत को कमजोर कर रहा है।
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उन्होंने कहा कि अक्सर पत्रकार, अभियोजक, वकील और न्यायाधीश की भूमिका में आ जाते हैं। ऐसे में सामाजिक और आर्थिक विषमताओं को सामने लाने वाली महत्वपूर्ण ख़बरें नज़रअंदाज कर दी जाती हैं और उनके स्थान पर गौण बातें सामने आ जाती हैं। वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहन देने में मदद करने के बदले ‘रेटिंग’ के चलते सनसनीखेज मनगढंत ख़बरों को बढ़ावा मिलता है।
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राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में तथ्यपूर्ण ख़बरें और उन पर सार्थक बहस महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी सार्थक है, जब इसके नागरिकों तक सही ख़बरें पहुंचें और उत्कृष्ट पत्रकारिता लोकतंत्र को सार्थक बनाती हैं। संघर्षपूर्ण क्षेत्र श्रेणी में रिपोर्टिंग के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार दूरदर्शन समाचार टीम के स्वर्गीय अच्युतानंद साहू, मोरमुकुट शर्मा और धीरज कुमार को दिया गया। अच्युतानंद साहू अक्तूबर 2018 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में विधानसभा चुनाव कवरेज के दौरान नक्सली हमले में मारे गए थे।
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— DNS (@DNS11502659) January 20, 2020
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