केंद्र सरकार ने आज प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि यानी पीएम स्वनिधि योजना शुरू की जिसके अंतर्गत रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को विशेष सूक्ष्म ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना का उद्देश्य गली-मोहल्ले में फेरी लगाकर और रेहड़ी-पटरी पर कारोबार करने वालों विक्रेताओं को कोविड-19 की वजह से बंद हुए अपने कारोबार को फिर से चालू करने में मदद मिलेगी।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन द्वारा पिछले महीने की गई घोषणा के तहत इस योजना का शुभारम्भ किया। रेहडी-पटरी पर कारोबार करने वाले ये विक्रेता लोगों के घरों तक सामान और सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस योजना से शहरी इलाकों के ऐसे 50 लाख से अधिक कारोबारियों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है जो इस साल 24 मार्च से पहले यही कार्य करते थे। इस योजना की अवधि मार्च-2022 तक की है। पहली बार अर्द्धशहरी या ग्रामीण इलाकों के स्ट्रीट वेंडर्स को शहरी आजीविका कार्यक्रम के अंतर्गत लाया गया है.
आधार पर आधारित ई-केवाईसी के जरिए ‘तत्काल पैन आवंटन’ की सुविधा का किया शुभारंभ
इस तरह के कारोबारी दस हजार रूपये तक का कार्यशील पूंजी-ऋण ले सकते हैं जिसे एक साल के भीतर किस्तों में चुकता करना होगा। कर्ज का समय पर या उससे पहले भुगतान करने पर सात प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज सब्सिडी दी जाएगी जिसे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के तहत छमाही आधार पर कर्ज लेने के वाले के बैंक खाते में जमा करा दिया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि अगर कर्जदार, किस्तों का भुगतान समय पर या समय से पहले करता है तो मंत्रालय उनका विश्वसनीयता सूचकांक तैयार करेगा जिसके आधार पर वह 20 हजार रूपये या उससे अधिक का सावधि ऋण हासिल करने के लिए पात्र होगा। इस योजना को लागू करने में शहरी स्थानीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस तरह के ऋण अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्तीय बैंकों, सहकारी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, सूक्ष्म वित्त संस्थाओं और स्वयं-सहायता समूह बैंकों द्वारा प्रदान किये जाएंगे।
योजना को पारदर्शी तरीके से लागू करने के लिए वेबपोर्टल से युक्त डिजिटल प्लेटफार्म बनाया गया है जिस पर नियंत्रण के लिए एक मोबाइल एप भी बनाया जा रहा है। सूचना टेक्नोलॉजी पर आधारित इस प्लेटफार्म से रेहडी-पटरी और फेरी लगाने वाले कारोबारियों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जोडा जा सकेगा।
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