प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7 फरवरी, 2020 को बोडो समझौते पर हस्ताक्षर होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए कोकराझार, असम जाएंगे।कार्यक्रम में बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीएडी) जिलों के 4 लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। असम सरकार, राज्य की विभिन्नता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करेगी। स्थानीय समुदाय इस कार्यक्रम में प्रस्तुतियां देंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनवरी में हुए ऐतिहासिक बोडो समझौते के बारे में जनसमुदाय को संबोधित करेंगे। प्रमुख हितधारकों को कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट में इस दिन को भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिवस कहा था।
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ट्वीट में आगे कहा गया था कि यह समझौता बोडो लोगों के जीवन में बदलाव लाएगा और शांति, सदभावना और मिलजुलकर रहने के एक नई सुबह की शुरूआत होगी। यह समझौता प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास विजन और पूर्वोत्तर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता के अनुरूप है। इससे 5 दशक पुरानी बोडो समस्या का समाधान हुआ है।एनडीएफबी के विभिन्न गुटों के 1615 कैडरों ने आत्मसमर्पण किया है और ये लोग समझौते पर हस्ताक्षर होने के दो दिनों के अंदर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। हाल ही में भारत सरकार और मिजोरम एवं त्रिपुरा सरकारों के बीच ब्रू-रियांग समझौता हुआ था। इससे 35,000 ब्रू-रियांग शरणार्थियों को राहत मिली। त्रिपुरा में एनएलएफटी के 85 कैडरों ने आत्मसमर्पण किया। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास और शांति के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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