Home खास खबर नर्रा हाईस्कूल में शाला प्रारंभ से ही विषय विशेषज्ञ व्याख्याताओ की बनी...

नर्रा हाईस्कूल में शाला प्रारंभ से ही विषय विशेषज्ञ व्याख्याताओ की बनी है कमी

विजय शंकर निग

शिक्षकों की कमी के बावजूद उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे इस विद्यालय में पिछले 25 वर्षों में भी विद्यालय में सेटअप अनुसार पद पूर्ति नहीं किया गया उसके बावजूद विद्यालय नए ऊंचाइयों को छू रहा है

शासकीय कुलदीप निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नर्रा के शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के अध्यक्ष विजय शंकर निगम ने कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय है कि छ. ग. के अंतिम छोर मे ओडिशा सीमा से लगे ग्राम नर्रा के शासकीय विद्यालय मे उसकी स्थापना वर्ष1994 से ही इस शाला में प्रारंभ से ही विषय विशेषज्ञ व्याख्याताओ की कमी बनी हुई है।यह विद्यालय बागबाहरा विकास खंड में सर्वाधिक दर्ज संख्या वाला है जिसमें कक्षा 9वी एवं कक्षा 10 वीं में दो दो सेक्शन और ,11 वीं तथा 12 वीं में तीन तीन सेक्शन इस प्रकार कुल दस सेक्शनों में अध्यापन कार्य हो रहा है।

शासन के स्वीकृत सेटअप के अनुसार शाला मे प्राचार्य – 01, व्याख्याता, हिन्दी – 02पद अंग्रेज़ी – 02पद ,वाणिज्य – 02पद, जीव विज्ञान – 02पद, भौतिकी – 01पद,रसायन – 01पद, गणित 02पद,अर्थशास्त्र/भूगोल – 01पद, राजनीति विज्ञान – 01,खेल शिक्षक – 01पद,ग्रंथपाल-01पद,लेखापाल 01 पद,सहायक ग्रेड 03–02पद,भृत्य – 03पद,चौकीदार – 01पद स्वीकृत है।

जिनमे से वर्तमान मे प्राचार्य का पद रिक्त है, जीव विज्ञान का एक पद रिक्त है, गणित के दोनों पद रिक्त है, भौतिकी, रसायन में एक एक पद रिक्त है वाणिज्य मे एक पद रिक्त है,हिन्दी मे एक पद रिक्त है, जबकि कार्यालयीन पदों मे लेखापाल, सहायक ग्रेड 03,चौकीदार के सभी पद रिक्त पडे हुए हैं। इस विद्यालय के लिए कृषि संकाय की स्वीकृति के पश्चात पद स्थापना न होने से प्रारंभ नही किया जा सका है,इसी प्रकार गणित के पदों की पद स्थापना न होने से उच्चतर माध्यमिक में गणित संकाय की पढ़ाई से छात्रों वंचित हैं।विद्यालय में विज्ञान निकाय में एकमात्र व्याख्याता जीव विज्ञान में पदस्थ है शेष सभी पद रिक्त पड़े हुए है,। जबकि दर्ज संख्या के हिसाब से अतिरिक्त शिक्षको की पात्रता बनती है।
इसके बावजूद नित नए नवाचार से क्षेत्र के शिक्षा जगत में विद्यालय का अलग स्थान है।

इस विद्यालय में नीति आयोग के अटल टिंकरिंग लैब, स्मार्ट क्लास की सुविधाऐं उपलब्ध है, साथ ही छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के सहयोग से साइंस लायब्रेरी खोली गई है। अटल टिंकरिंग लैब के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री, बाल वैज्ञानिक की सोच वाले बच्चों को निकलते देखना चाहते हैं परंतु विद्यालय में गणित, भौतिकी, रसायन जीव विज्ञान , हिन्दी, जैसे महत्वपूर्ण विषयों में कमी के कारण अटल टिंकरिंग लैब अपने उद्देश्य मे पिछड़ सकता है।
जिला प्रशासन से प्राप्त स्मार्ट क्लास एवं आईआईटी बॉम्बे एवं अन्य वैज्ञानिकों से ऑनलाइन मार्गदर्शन छात्रों को समय समय पर मिलता रहता हैं।

ग्लोबल सोलर यात्रा 2019 के तहत सोलर लैंप असेंबल सिखाने वाला जिले का एकमात्र स्कूल बना-

इसी तरह अंतरराष्ट्रीय BRICSMATHS प्रतियोगिता में भाग लेकर यह के छात्रों ने 100% तक अंक प्राप्त कर अंतराष्ट्रीय स्तर पर विद्यालय को पहचान दिलाई है। इस विद्यालय में कक्षा 12वीं का विज्ञान निकाय का परीक्षा फल पिछले कुछ वर्षों से लगभग शत प्रतिशत आ रहा है।

उनका कहना है कि विज्ञान संकाय के शिक्षकों की कमी के बावजूद उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे इस विद्यालय में पिछले 25 वर्षों में भी विद्यालय में सेटअप अनुसार पद पूर्ति नहीं किया गया उसके बावजूद विद्यालय नए ऊंचाइयों को छू रहा है, विशेषज्ञ व्याखाताओ की कमी के बावजूद छात्रों द्वारा 92% तक अंक लाना क्षेत्र के छात्रो के लग्न एवं मेहनत का द्योतक है।
इस विद्यालय में शासन विषय विशेषज्ञ व्याख्याताओ की नियुक्ति करता है तो छात्र और बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं।

उन्होंने संचालक लोक शिक्षण को पत्र लिखकर मांग की है कि वर्तमान होने जा रही नियुक्तियो में विशेषज्ञ व्याख्याता की पद पूर्ति करने की महती कृपा करें जिसके लिए शाला प्रबंधन समिति सहित अंचलवासी एंव विशेष कर छात्र गण आभारी रहेंगे। यहां यह उल्लेखनीय है कि शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के अध्यक्ष विजय शंकर निगम ने इस संदर्भ संचालक लोक शिक्षण के अलावा माननीय स्कूली शिक्षा मंत्री, महासमुंद जिले के प्रभारी मंत्री, विधायक खल्लारी विधान सभा को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकर्षित किया है।

हमसे जुड़े ;-