टिड्डी दल के प्रकोप की रोकथाम के लिए किसानों को मार्गदर्शन व् जानकारी

टिड्डी दल कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर से कर सकता है छत्तीसगढ़ में प्रवेश,कृषि विभाग ने अलर्ट जारी किया

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रायपुर-टिड्डी दल राजस्थान होते हुए मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्य तक पहुंच गया है। इसके छत्तीसगढ़ राज्य में प्रवेश की संभावना को देखते हुए कृषि विभाग द्वारा अलर्ट जारी किया गया है.कृषि विभाग के अधिकारियों को टिड्डी दल के प्रकोप की रोकथाम के लिए किसानों को आवश्यक मार्गदर्शन एवं दवाओं के छिड़काव के बारे में भी जानकारी देने के कहा गया है.

संचालक, कृषि टामन सिंह सोनवानी ने बताया कि 27 मई को सुबह सवा 4 बजे टिड्डी दल सिंगरौली की तरह बढ़ा है, जो छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती जिले कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर की ओर से छत्तीसगढ़ राज्य में प्रवेश कर सकता है. उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु आपदा प्रबंधन मद से आवश्यक व्यवस्था करने को कहा है.टिड्डी दल के संबंध में सूचनाओं के आदान-प्रदान तथा इनके रोकथाम के लिए कृषकों को आवश्यक सलाह दिए जाने के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष भी स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं.

ज्ञात हो कि टिड्डी दल किसानों का सबसे बड़ा शत्रु है.टिड्डियाँ 1 दिन में 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं हालांकि इनके आगे बढ़ने की दिशा हवा की गति पर निर्भर करती है.टिड्डी दल सामूहिक रूप से लाखों की संख्या में झुंड/समूह बनाकर पेड़-पौधे एवं वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं.यह दल 15 से 20 मिनट में आपकी फसल के पत्तियों को पूर्ण रूप से खाकर नष्ट कर सकते हैं.यह सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं.

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ये टिड्डी दल किसी क्षेत्र में शाम 6 से 8 बजे के आस-पास पहुँचकर जमीन पर बैठ जाते हैं.टिड्डी दल शाम के समय समूह में पेड़ों, झाड़ियों एवं फसलों पर बसेरा करते हैं और वही पर रात गुजारते हैं तथा रात भर फसलों को नुकसान पहुँचाते हैं और फिर सुबह 8 -9 बजे के करीब उड़ान भरते हैं। अंडा देने की अवधि में इनका दल एक स्थान पर 3 से 4 दिन तक रुक जाता है.

प्रारंभिक उपाय

1. टिड्डी दल का समूह जब भी आकाश में दिखाई पड़े तो उनको उतरने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेत के आस-पास मौजूद घास – फूस का उपयोग करके धुआं करना चाहिए अथवा आग जलाना चाहिए जिससे टिड्डी दल आपके खेत में ना बैठकर आगे निकल जाएगा.

2. टिड्डी दल दिखाई देते ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से आवाज कर उनकों अपने खेत पर बैठने न दें.अपने खेतों मे पटाखे फोड़कर,थाली बजाकर, ढोल- नगाड़े बजाकर आवाज करें, टैक्टर के साइलेसंर को निकाल कर भी तेज ध्वनि कर सकते हैं.कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर के टिड्डी को तथा उनके अंडों को नष्ट किया जा सकता है. इनको उस क्षेत्र से हटाने या भगाने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से सुबह का समय उपयुक्त होता है.

प्रकाश प्रपंच लगाकर एकत्रित करके नष्ट कर सकते हैं.क्योंकि एक डरपोक स्वभाव का कीट होता है अतः तेज आवाज से डरकर आपके फसल व पेड़ पौधों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा पायेगा.आपके क्षेत्र में टिड्डी दल दिखाई देता है तो उपरोक्त उपाय को अपनाते हुए तत्काल अपने क्षेत्र के कृषि विभाग के अधिकारियों व प्राविधिक सहायकों /सलाहकारों अथवा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से संपर्क करें.

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